Edited By Anjna,Updated: 28 May, 2018 07:33 AM
नियमों की अनदेखी और पुलिस की लापरवाही के कारण आए दिन हो रहे हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और हाईवे पर खड़े ट्रक-ट्राले आए दिन लोगों के लिए मौत का सबब बन रहे हैं जबकि पुलिस इस मामले में आंखें मूंदे बैठी है। हालांकि इसके बाद भी पुलिस प्रशासन...
जालंधर(महेश): नियमों की अनदेखी और पुलिस की लापरवाही के कारण आए दिन हो रहे हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और हाईवे पर खड़े ट्रक-ट्राले आए दिन लोगों के लिए मौत का सबब बन रहे हैं जबकि पुलिस इस मामले में आंखें मूंदे बैठी है। हालांकि इसके बाद भी पुलिस प्रशासन नहीं चेत रहा है। ट्रैफिक पुलिस के चलाए गए अभियान भी महज दिखावा ही साबित हो रहे हैं। पिछले दिनों ट्रैफिक पुलिस की ओर से चलाए गए ट्रैफिक वीक में जागरूकता और बाद में की गई सख्ती भी अब तक नाकाफी साबित हुई है।
हादसों से होने वाली मौत की संख्या की बात करें तो पिछले 3 वर्षों के अंतराल में शहर में 350 से अधिक सड़क हादसे हुए जिनमें 188 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं ट्रैफिक पुलिस केवल बाइक सवारों के चालान काटती है लेकिन हाईवे पर मौत का सबब बन रहे ट्रक-ट्रालों को नहीं हटाती। बताते चलें कि हाल ही में इसी माह परागपुर के पास हाईवे पर खड़े ट्रक के कारण कार सवार युवक और फगवाड़ा के पास हाईवे पर ट्रक खड़ा होने से मॉडल टाऊन के दम्पति की मौत हो चुकी है। शहर के अंदर अलग-अलग स्थानों पर खड़े ट्रक व ट्रालों की स्थिति दिखाती एक रिपोर्ट।
धीना गांव के पास मेन रोड पर खड़े हो जाते हैं ट्रक व ट्राले
धीना गांव के पास टैंकरों व ट्रक चालकों की ट्रक खड़ा करने की मनपसंद जगह हाईवे बन गया है। हाईवे किनारे ढाबों तक जाने के लिए चालक हाईवे से ट्रक उतारते नहीं बल्कि वहीं खड़ा कर आते हैं। हाईवे पर खड़े इन ट्रकों को हटाने के लिए किसी भी पुलिस मुलाजिम का ध्यान नहीं जाता।