Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 11:42 AM
रेप कहने को सिर्फ दो लफ्ज है लेकिन ये 2 लफ्ज कैसे किसी मासूम के जीवन को नरक बना देते है,ये सिर्फ पीड़िता ही बता सकती है। हर बार की तरह अारोपी घटना को अंजाम दे चले गए लेकिन कोई कुछ नहीं कर सका।
चंडीगढ़ : रेप कहने को सिर्फ दो लफ्ज है लेकिन ये 2 लफ्ज कैसे किसी मासूम के जीवन को नरक बना देते है,ये सिर्फ पीड़िता ही बता सकती है। हर बार की तरह अारोपी घटना को अंजाम दे चले गए लेकिन कोई कुछ नहीं कर सका। शुक्रवार रात को सैक्टर-53 में कोचिंग सेंटर से पीजी जा रही एक युवती से तीन लोगों ने गैंगरेप किया। प्राथमिक पूछताछ में आरोप ऑटो चालक और उसमें मौजूद दो अन्य युवकों पर है। सूत्रों के मुताबिक युवती को रास्ते का ज्ञान नहीं था तो ऑटो चालक ने रास्ता भटका दिया और सवार अन्य लोगों ने उसे चाकू के बल पर दबोच लिया। ऑटो को सेक्टर-53 के एरिया में रोक कर उसके साथ गैंग रेप किया गया। किसी तरह लड़की पुलिस स्टेशन पहुंची और आपबीती बताई। वारदात की सूचना आला अधिकारियों तक पहुंची तो शहर में अलर्ट जारी हुआ।
प्रशासिक अड्डे पर घिनौनी वारदात ने खड़े किए कई सवाल
जैसा कि चंडीगढ़ पंजाब,हरियाणा की राजधानी है। दोनों राज्यों के मंत्रियों को यहां पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई जाती है फिर यहां की युवतियों को कोई सुरक्षा क्यों नहीं मिल रही। रेप का ये कोई पहला मामला नहीं इसे पहले भी एेसे कई मामले सामने अा चुके हैं लेकिन अभी तक इस अोर कोई सुरक्षा बढ़ाई नहीं गई। चंडीगढ़ में बहुत सी लड़किया पढ़ाई के साथ-साथ जॉब करती हैं अगर एेसी ही घटनाएं सामने अाती रही तो लड़कियां सुरक्षित कैसे रहेंगी। रेप होने के बाद शहर में अलर्ट जारी किया गया इससे पहले ये अलर्ट क्यों नहीं किए जाते जबकि पता है सभी को कि लड़किया रात में जॉब करती हैं,उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए।
जब ऐसे ही ऑटो वालों ने बनाया युवतियों को हवस का शिकार
पिछले साल 12 दिसंबर को काल सैंटर में काम करने वाली युवती का भी गैंग रेप हुआ था। उसने भी सैक्टर-34 से अपने घर जाने के लिए ऑटो लिया था। ऑटो में चालक सहित तीन युवक थे, जिन्होंने चाकू के बल पर वारदात को अंजाम दिया था। ऑटो चालक छह दिन बाद पकड़ा गया था, जबकि दो अन्य आरोपी अब तक फरार हैं। इसी साल 24 मार्च को ऑटो में एक युवती से दुराचार की कोशिश की गई, लेकिन उसने ऑटो से कूदकर जान बचाई। वारदात अभी तक नहीं सुलझी। पिछले साल अगस्त में एजिप्ट की रहने वाली एक युवती के साथ भी ऑटो में दुराचार का प्रयास हुआ था, जिसका आरोपी पकड़ा गया था।
कहीं एक ही गैंग तो नहीं
पिछले साल 12 दिसंबर की घटना और इस साल 24 मार्च की वारदात के आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। कहीं न कहीं शक गहराता है कि सामूहिक दुराचार एक ही गैंग का काम तो नहीं? 12 दिसंबर की घटना में पकड़े ऑटो चालक ने कहा था कि वह दो अन्य युवकों को नहीं जानता, लेकिन यह बयान सवालिया निशान लगाता है पुलिस की थ्योरी पर। क्योंकि सामूहिक दुराचार का एक आरोपी पकड़ लिया तो बाकी आरोपियों को पकड़ने में इतनी लापरवाही कैसे बरती जा रही है।