Edited By Des raj,Updated: 19 Jul, 2018 06:28 PM
सियासत में उठापटक करके बिना किसी एमएलए-एमपी चुनाव लड़े सत्ता के अहम पदों व मंत्री पद पर विराजमान रहने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के दिग्गज नेता बलवंत सिंह रामूवालिया लोकसभा चुनाव से पूर्व पंजाब की सियासत में पुन: लौट आए हैं।...
लुधियाना: सियासत में उठापटक करके बिना किसी एमएलए-एमपी चुनाव लड़े सत्ता के अहम पदों व मंत्री पद पर विराजमान रहने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के दिग्गज नेता बलवंत सिंह रामूवालिया लोकसभा चुनाव से पूर्व पंजाब की सियासत में पुन: लौट आए हैं। उन्होंने आज लुधियाना में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी पूर्व लोक भलाई पार्टी को पुन: लांच कर दिया।
हालांकि अभी वह इसे एक गैर-राजनीतिक मंच करार दे रहे हैं तथा सपा सुप्रीमो से बात करके इसे सियासी रूप देने की बात कह रहे हैं। बता दें कि रामूवालिया द्वारा वर्ष 1997 में पंजाब में लोक भलाई पार्टी के नाम से अपनी पार्टी खड़ी की थी तथा नवंबर 2011 में इसे उस समय भंग कर दिया गया जब रामूवालिया अकाली दल में शामिल हो गए।
2007 में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे, लेकिन एक भी सीट हासिल नहीं कर सके थे। यहां तक की लुधियाना संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी लेकिन यहां भी असफलता का चेहरा देखना पड़ा। सबसे बड़ी बात यह है कि आज लोक भलाई पार्टी के पुन: गठन के ऐलान के समय रामूवालिया ने पंजाब के सबसे बड़े एवं गंभीर मुद्दे ड्रग्स को चुना तथा इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की।
रामूवालिया इस समय यूपी विधानसभा परिषद के सदस्य हैं जहां उनका कार्यकल 2022 तक का है। वह यूपी की अखिलेश सरकार में 2015 से 2017 तक कैबिनेट मंत्री रहे। वह समाजवादी पार्टी के वर्किंग कमेटी के भी सदस्य हैं।