Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 May, 2018 08:36 AM
पंजाब की नदियों से राजस्थान को ‘जहरीला’ पानी परोसा जा रहा है।
चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब की नदियों से राजस्थान को ‘जहरीला’ पानी परोसा जा रहा है। पंजाब से राजस्थान को पानी सप्लाई करने वाली राजस्थान फीडर व सरहिंद फीडर का पानी इस कदर दूषित है कि गुणवत्ता के पैमाने पर यह कहीं नहीं टिक पा रहा है। खासतौर पर बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बी.ओ.डी.) व डीजॉल्वड ऑक्सीजन (डी.ओ.) निर्धारित पैमाने से कहीं ज्यादा है।
इसे लेकर राजस्थान जल स्रोत विभाग ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर बोर्ड ने अब पंजाब सरकार को तत्काल प्रभाव से ठोस कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं।
सतलुज दरिया का पानी प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी निर्देशों में कहा है कि सतलुज दरिया की मॉनीटरिंग के दौरान पाया गया है कि दरिया का पानी हरीके पत्तन तक पहुंचते-पहुंचते काफी दूषित हो जाता है।सतलुज में जब लुधियाना के आसपास बुड्ढा नाला व पूर्वी बेई नदी का संगम होता है तो पानी की गुणवत्ता गड़बड़ा जाती है। सतलुज दरिया पर रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम लगाने के निर्देश
केंद्रीय बोर्ड ने राजस्थान सरकार की शिकायत पर पंजाब सरकार को वाटर (प्रीवैंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट 1974 के तहत निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत पंजाब सरकार को 6 महीने के भीतर सतलुज दरिया के इंटर स्टेट बॉर्डर पर रियल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं।
15 दिन में भेजनी होगी रिपोर्ट
पंजाब सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह पत्र मिलने के बाद 15 दिनों के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजे। इस रिपोर्ट में सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकार केंद्रीय बोर्ड के दिशा-निर्देशों को अमल में लाने के लिए कदम उठा रही है।
हिमाचल सरकार को भी हिदायत
सतलुज दरिया में प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय बोर्ड ने हिमाचल सरकार को भी निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत पंजाब की तरह हिमाचल सरकार को भी सतलुज दरिया के इंटर-स्टेट बॉर्डर पर पानी की गुणवत्ता को परखना होगा। रियल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम लगाने होंगे व इसकी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय बोर्ड को भेजनी होगी।