Edited By swetha,Updated: 24 Feb, 2020 10:35 AM
बुड्ढा नाले का प्रदूषण जस का तस
चंडीगढ़(अश्वनी): सतलुज-ब्यास नदी के प्रदूषण पर गठित मॉनीटरिंग कमेटी ने अपनी तीसरी रिपोर्ट में पंजाब सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब सरकार के पास कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए पर्याप्त फंड तक नहीं है। इसी कारण कई योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। हालत यह है कि मौजूदा समय में जितनी मात्रा में गंदा पानी शहरों से निकलकर नदियों को प्रदूषित कर रहा है, उसके ट्रीटमैंट का अभी तक बंदोबस्त नहीं हो पाया है।
सतलुज दरिया के आसपास बसे करीब 50 शहरों से प्रति दिन 1,421.3 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी निकलता है लेकिन मौजूदा समय में केवल 1,040.30 मिलियन लीटर की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट कार्य कर रहे हैं। ऐसे में रोजाना 381 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी सतलुज दरिया में घुल रहा है। 22 शहरों में तत्काल प्रभाव से सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की आवश्यकता है। वहीं, ब्यास दरिया के कैचमैंट एरिया में बसे करीब 15 शहरों से प्रति दिन 105.3 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी निकलता है लेकिन मौजूदा समय में केवल 76.1 मिलियन लीटर की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट कार्य कर रहे हैं। ऐसे में रोजाना 29.2 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी ब्यास दरिया में घुल रहा है। 8 शहरों में तत्काल प्रभाव से सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की आवश्यकता है। लुधियाना फोकल प्वाइंट से निकलने वाले प्रदूषित पानी को लेकर अमृतसर टैक्सटाइल एफुलैंट ट्रीटमैंट नाम से स्पैशल पर्पज व्हीकल बनाया गया था लेकिन आज तक पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से कॉमन ट्रीटमैंट प्लांट के लिए जगह उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
हैबोवाल डेयरी कॉम्पलैक्स को लेकर सुस्ती
लुधियाना में हैबोवाल डेयरी कॉम्पलैक्स से रोजाना 10 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी, 400 टी.पी.डी. पशुओं का गोबर निकलता है लेकिन पंजाब सरकार ने यहां से पैदा होने वाले प्रदूषण के नियंत्रण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की है। ऐसी ही स्थिति ताजपुर डेयरी कॉम्पलैक्स की है।
बुड्ढा नाले का प्रदूषण जस का तस
बुड्ढा नाले में लगातार प्रयास के बाद भी प्रदूषण जस का तस है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सितम्बर 2019 से बुड्ढा नाले की मॉनीटरिंग चालू की हुई है लेकिन मौजूदा समय में भी बुड्ढा नाले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के पानी से सिंचाई की योजनाएं अधर में
सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से साफ होकर निकलने वाले पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई थी लेकिन पहले चरण में चिन्हित 14 योजनाओं को मंजूरी के बाद भी अब तक पंजाब सरकार से ग्रांट नहीं मिल पाई है। डिपार्टमैंट ऑफ सॉयल वाटर कंजर्वेशन ने इस बाबत मसौदा तैयार कर वित्त विभाग को भेज दिया था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। इसी कड़ी में 16 ट्रीटमैंट प्लांट के पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने का प्रस्ताव फिलहाल फाइलों तक ही सीमित है। डिपार्टमैंट ऑफ सॉयल वाटर कंजर्वेशन के अधिकारियों के मुताबिक अब तक केवल 23 प्लांटों के पानी को ही सिंचाई व्यवस्था से कनैक्ट किया जा सका है।
मॉनीटरिंग कमेटी ने 15 नवम्बर 2019 को इन औद्योगिक इकाइयों का दौरा कर ठोका था एन्वायरनमैंट कम्पनसेशन
प्रीमियर एल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड, कांगड़ा |
50 लाख |
रामल डाइंग, लुधियाना |
35 लाख |
ओम प्रोसैसर प्राइवेट लिमिटेड, लुधियाना |
25 लाख |
ओरिएंटल निट फैब प्राइवेट लिमिटेड, लुधियाना |
25 लाख |
हिमाचल प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन लि. |
25 लाख |
शनशाइन डाइंग प्राइवेट लिमिटेड, लुधियाना |
25 लाख |
पाइनियर इंडस्ट्री, पठानकोट |
20 लाख |
कैपिटल हॉस्पिटल, जालंधर |
20 लाख |
दीपक बैटरी स्टोरेज, कांगड़ा |
10 लाख |
70 गांवों में सीवरेज ट्रीटमैंट के लिए पैसा नहीं
ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग ने पहले चरण में 75 गांवों में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की योजना बनाई है लेकिन अब तक केवल 4 गांवों में ही प्लांट लगाने का काम मुकम्मल हो पाया है। बाकी गांवों का कार्य अभी भी अधर में है। दूसरे चरण में 35 गांव और तीसरे चरण में 35 गांवों में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगाने का प्रस्ताव था लेकिन इसके लिए अभी तक फंड एकत्रित नहीं हो पाए हैं।
सतलुज दरिया का हाला
सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की टैक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए पैसा नहीं है।
28 मिलियन लीटर प्रति दिन प्रदूषित पानी की सफाई के लिए प्रस्तावित 10 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के फंड का बंदोबस्त नहीं हो पाया है।
मौजूदा समय में ऑप्रेट हो रहे 50 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों में से 24 तय मानकों पर खरे नहीं पाए गए।
26 मिलियन लीटर प्रति दिन (एम.एल.डी.) प्रदूषित पानी को साफ करने वाले 5 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट निर्माणाधीन हैं।
353 एम.एल.डी. प्रदूषित पानी साफ करने वाले 12 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट को लगाने के लिए फंड का बंदोबस्त कर लिया गया है।
ब्यास दरिया का हाल
- करीब 35 एम.एल.डी. के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की टैक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए पैसा नहीं है।
- 16.7 एम.एल.डी. के 6 ट्रीटमैंट प्लांट का निर्माण पाइप लाइन में है।
- 12.5 एम.एल.डी. के 3 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट को लेकर अभी तक धनराशि एकत्रित नहीं हो पाई है।
- ब्यास दरिया के कैचमैंट एरिया में 16 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट मौजूदा समय में कार्य कर रहे हैं। इनमें से 3 तय मानकों पर खरे नहीं हैं।