Edited By Updated: 08 Dec, 2016 10:05 AM
अपनी मांगें पूरी न होने के चलते काफी दिनों से सिविल अस्पताल में मैडीकल लैबोरेटरी टैक्नीशियन एसोशियन द्वारा की जा रही हड़ताल कारण मरीज परेशान हो रहे हैं, जबकि पंजाब सरकार खामोश है।
जालंधर (शौरी): अपनी मांगें पूरी न होने के चलते काफी दिनों से सिविल अस्पताल में मैडीकल लैबोरेटरी टैक्नीशियन एसोशियन द्वारा की जा रही हड़ताल कारण मरीज परेशान हो रहे हैं, जबकि पंजाब सरकार खामोश है।
आज अस्पताल में एक महिला मरीज बक्शो (50) पत्नी जीत सिंह निवासी लम्मा पिंड को डाक्टर ने टैस्ट लिखे लेकिन टैक्रीशियनों की हड़ताल के चलते उसके टैस्ट किसी ने नहीं किए। थक-हार कर बक्शो के परिजन उसे स्ट्रैचर पर डालकर टैस्ट के लिए अस्पताल से बाहर सड़क पार कर प्राइवेट लैब में ले गए और उसके टैस्ट करवाए। शर्मनाक बात तो यह देखने को मिली कि कोई भी दर्जा चार कर्मचारी स्ट्रैचर को पकड़ कर लैब तक नहीं गया, इतना ही नहीं अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों ने बक्शो के परिजनों को रोका और कहा कि वे स्ट्रैचर अस्पताल के बाहर नहीं ले जा सकते।
इसी बीच पंजाब केसरी की टीम को पता चला तो उन्होंने सुरक्षा कर्मचारियों से बातचीत कर बक्शो को स्ट्रैचर सहित बाहर जाने दिया। हालांकि उसके परिजन टैस्ट करवाने के बाद स्ट्रैचर सहित बक्शो को वापस अस्पताल ले आए थे। अब सोचने वाली बात है कि क्या इंसानियत के नाते दर्जा चार कर्मचारी को साथ जाकर बक्शो के टैस्ट नहीं करवाने चाहिए थे?