Edited By Updated: 04 Feb, 2017 03:46 PM
चुनाव आयोग भले ही राज्य में रिकार्ड मतदान का अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा हो लेकिन राज्य के सम्पन्न तबके में
जालंधर: चुनाव आयोग भले ही राज्य में रिकार्ड मतदान का अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा हो लेकिन राज्य के सम्पन्न तबके में वोट डालने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने की दिलचस्पी नजर नहीं आ रही। राज्य के बड़े शहरों में एक बड़े तबके ने शनिवार की छुट्टी को वीकेंड के रूप में लिया है और अधिकतर लोगों ने राज्य के बाहर वीकेंड मनाने के कार्यक्रम तय कर लिए हैं। इनमें से कई लोग तो माता के दर्शनों के लिए शुक्रवार शाम को ही निकल गए हैं और काफी लोग शनिवार व रविवार को छुट्टी मनाने के लिए बाहर होंगे। ऐसे में ये लोग वोट डालने के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। लोगों के इस रुझान से मत प्रतिशत कम होने के साथ-साथ उन सियासी दलों को भी इसका नुक्सान हो सकता है जिनके साथ यह सम्पन्न तबका जुड़ा हुआ है।
इसके अलावा महिलाओं का एक ऐसा तबका है जो सिर्फ मतदान के बाद अंगुली पर लगने वाली स्याही के चलते वोट डालने की अपनी जिम्मेदारी से किनारा करता है और इस बार भी महिलाओं में यह ट्रैंड देखने को मिल रहा है। ऐसा करने वालों में शहरी युवतियों की संख्या ज्यादा है। पंजाब में पिछले साल 78.20 फीसदी वोट पड़े थे लेकिन इस बार कितने लोग वोट डालने के लिए निकलते हैं, यह देखने वाली बात होगी। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने रैलियों में शामिल हो चुनाव के प्रति दिलचस्पी दिखाई है और यह देखने वाली बात होगी कि मतदान के दौरान भी यही ट्रैंड देखने को मिलता है या नहीं।