Edited By Updated: 19 Jan, 2017 11:04 AM
गायक बाई अमरजीत से जब पूछा गया तो उन्होंने यह पक्तियां बोली वेहड़े विच मंजे डाहे हुंदे सी कच्चे घर पूरे लश्काए हुंदे सी....ये लाइनें बेशक एक गीत की हैं पर इनमें से पुरातन सभ्याचार झलकता है।
जालंधरः गायक बाई अमरजीत से जब पूछा गया तो उन्होंने यह पक्तियां बोली वेहड़े विच मंजे डाहे हुंदे सी कच्चे घर पूरे लश्काए हुंदे सी....ये लाइनें बेशक एक गीत की हैं पर इनमें से पुरातन सभ्याचार झलकता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसे पंजाब की झलक है जो आज भी मेरे सपनों में बसता है। पुरातन पंजाब को मैंने खुद देखा है। लोगों के अंदर जो आपसी सांझ, त्यौहारों को लेकर जो उत्साह होते थे, खुले वेहड़ों में जो रौनकें लगती थीं वे पंजाबी विरसे को और प्रफुल्लित करती थीं परंतु आज के समय में खुले वेहड़ों की रौनकें बंद कमरों के अंदर अकेलेपन में कैद होकर रह गई हैं। परिवर्तन कुदरत का नियम है। इस नियम के साथ पंजाब ने बेहद तरक्की की है।
पंजाब में ऐसी और तरक्की की जरूरत है। मेरा स्वप्न है कि मेरा पंजाब नशा मुक्त हो व हर तरफ खुशहाली हो तथा कोई भी किसान व नौजवान निराश होकर खुदकुशी न करे। कोई भी विदेश न जाए बल्कि पंजाब में रहकर मेहनत के साथ राज्य को पुन: सोने की चिडिय़ा बनाएं। पंजाबी जज्बे से भरे हुए हैं। वे हर काम को आसानी से करना जानते हैं। पंजाबी भाषा एक ऐसी भाषा है जिसने आज दुनिया भर में अलग स्थान हासिल कर लिया है। पंजाबी जहां भी गए उन्होंने वहां अलग दुनिया बसा दी है। अंत में मैं मतदाताओं से यही अपील करूंगा कि वे खुशहाल पंजाब का निर्माण करने के लिए मतदान जरूर करें। वोट उसे ही डालें जो क्षेत्र में विकास करवा सके और लोगों के दुख-सुख में साथ दे व उनकी समस्याओं को दूर कर सके, जो पंजाब को और तरक्की की तरफ ले जा सके।