1951 चुनाव में अकाली दल को मिली थी सिर्फ 13 सीटें

Edited By Updated: 09 Dec, 2016 04:27 PM

punjab election 2017

पंजाब में चुनावी पारा चरम पर है और राज्य की हर सियासी पार्टी सत्ता हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।

जालंधरःपंजाब में चुनावी पारा चरम पर है और राज्य की हर सियासी पार्टी सत्ता हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। ऐसे एम् पंजाब केसरी आपके लिए पंजाब के सियासत के इतिहास अपर एक विशेष सीरीज की शुरुआत करने जा रहा है। इस सीरीज में हम आपको यह बताने की कोशिश करेंगे कि बदलते वक़्त के साथ साथ पंजाब की सियासत में क्या बदलाव आए हैं। आज हम पंजाब के पहले विधान सभा चुनाव की बात करेंगे। यह चुनाव 1951 में हुआ था। 

आज़ादी के बाद पंजाब में पहली बार करवाए गए इस विधान सभा चुनाव में 105 सीटों पर वोट पड़े थे। उस वक़्त हरियाणा पंजाब का हिस्सा हुआ करता था और  हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाके भी पंजाब का हिस्सा हुआ करते थे। यहाँ तक कि शिमला और धर्मशाला विधान सभा सीटें भी पंजाब में हुआ करती थी।  हिमाचल प्रदेश में उस वक़्त विधान सभा की कुल 28 सीटें थी जबकि पंजाब,हरियाणा और हिमाचल प्रदेश का कुछ हिस्सा मिला कर पंजाब के हिस्से 105 सीटें थी जबकि आज की तारिख में अकेले पंजाब की कुल सीटें मिला कर ही 117 हैं जबकि हरियाणा में भी 90 सीटों पर चुनाव होता है।  उस समय संयुक्त पंजाब में विधान सभा की एक भी सीट आरक्षित नहीं थी।आज पंजाब में करीब दो करोड़ वोटर हैं जबकि संयुक्त पंजाब में वोटरों की संख्या 86 लाख 23 हजार के करीब थी। पंजाब के पहले चुनाव में भीम सेन सच्चर मुख्य मंत्री बने थे 

1951 चुनाव के कुछ दिलचस्प तथ्य 
कुल वोटर :8623498 
वोट पड़े :4989077 
कांग्रेस को मिले वोट :1830601 
शिरोमणि अकाली दल को मिले वोट :620455 
कांग्रेस को मिली सीटें :96 
शिरोमणि अकाली दल को मिली सीटें :13 
सी पी आई को मिली सीटें :4 
अन्य :2 सीटें 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!