Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:17 AM
हमारा नेता कैसा हो, मतदान करना अनिवार्य होना चाहिए, क्या अपेक्षा से ज्यादा वोटिंग होगी, क्या अपना अधिकार समझ कर वोट करना चाहिए, शहर का विकास और महिला सुरक्षा, सजग रह कर करें मतदान जैसे कई ज्वलंत मुद्दों पर आज खालसा कालेज कैम्पस में युवाओं में खूब...
जालंधर(जतिन्द्र चोपड़ा): हमारा नेता कैसा हो, मतदान करना अनिवार्य होना चाहिए, क्या अपेक्षा से ज्यादा वोटिंग होगी, क्या अपना अधिकार समझ कर वोट करना चाहिए, शहर का विकास और महिला सुरक्षा, सजग रह कर करें मतदान जैसे कई ज्वलंत मुद्दों पर आज खालसा कालेज कैम्पस में युवाओं में खूब चर्चा हुई। पंजाब केसरी की टीम ने उनके विचारों को एकत्रित कर अपने पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास किया कि आज देश की युवा पीढ़ी मौजूदा राजनीति, चुनाव व मतदान को लेकर कितनी सजग है।
यूं तो निगम चुनावों के कारण कालेज परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी। कालेज छात्र व छात्राएं हल्के-फुल्के मूड में आपस में निगम चुनावों पर चर्चा करते दिखे। अंगद दत्ता, कुलजीत सिंह, राहुल जोशी, परगट सिंह का कहना था कि युवाओं की सबसे बड़ी जिज्ञासा है कि हमारा नेता कैसा हो? उन्होंने कहा कि आज देश में जिस प्रकार भ्रष्टाचार और रिश्वखोरी हावी है उसका सबसे बड़ा कारण राजनीति में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ है। अगर राजनीति में पनपी गंदगी को खत्म करना है तो नगर निगम व नगर कौंसिल जैसे जमीनी स्तर के चुनावों में हमें साफ-सुधरी छवि वाले चेहरों को आगे लाना चाहिए। रमनदीप सिंह, मुनीश कुमार, संकल्प सिंह ने कहा कि देश में वोट का अधिकार अनिवार्य होना चाहिए। ऐसा करने से वोटिंग ज्यादा होगी और चुनावों में होराफेरियों पर लगाम लगेगी, क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि लोग अपने घरों में होते हैं और उनकी नाम की कोई जाली वोट डाल जाता है।
अमरजीत सिंह, एम.वी. गिल, गुरनूर सिंह ने बताया कि हमें वोट अपना अधिकार समझ कर डालनी चाहिए, क्योंकि हमारे द्वारा चुना नेता अगर सही होगा तो वह 5 सालों तक जनता की सेवा को तत्पर रहेगा। अगर हमने किसी बहकावे या लालच में गल्ती कर ली तो उसका खमियाजा भी हमे व जनसाधारण को भुगतना पड़ेगा । उन्होंने कहा कि निगम चुनावों में चुने जाने वाले पार्षदों में से ही कोई शहर का मेयर बनेगा। अगर हमारे जनप्रतिनिधि योग्य होंगे तो हमें सड़कों, सफाई व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट, पेयजल सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं बेहतरीन मिल पाएंगी। कैंपस कैंटीन के बाहर बैठी बलजीत कौर, सुखविन्द्र कौर, नवजोत कौर, सुमनप्रीत कौर का कहना था कि निगम चुनावों में पार्टी की अपेक्षा चेहरों का महत्व अधिक रहता है। महिलाओं को विकास के अवसरों के साथ-साथ उनको सुरक्षा भी चाहिए । इन चुनावों में महिला आरक्षण 50 प्रतिशत हो गया है, जिससे निगम हाऊस में उनकी भागीदारी भी बराबर की हो गई है। उम्मीद है कि महिलाओं की आवाज इस बार हाऊस में ज्यादा बुलंद होगी।