पंजाब मंत्रिमंडल ने एडवोकेट्स वैलफेयर फंड रूल्ज को मंजूरी दी

Edited By Vaneet,Updated: 19 Dec, 2019 07:05 PM

punjab cabinet approves advocates welfare fund rules

पंजाब मंत्रिमंडल ने दि पंजाब ऐडवोकेट्स वैलफेयर फंड रूल्ज को मंजूरी दे दी है, जिससे सम्बन्धित एक्ट ...

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब मंत्रिमंडल ने पटियाला एविएशन काम्पलैक्स में रख-रखाव, मुरम्मत और जांचने (मैंटीनैंस, रिपेयर और ओवरहॉल-एम.आर.ओ.) के लिए 5000 स्क्वेयर फीट की क्षमता वाले 4 स्थानों को लीज पर देने की मंजूरी दे दी है। औद्योगिक और व्यापारिक विकास नीति-2017 में अहम क्षेत्र के तौर पर पहचाने गए शहरी उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पहल की है। 

सरकार के इस कदम का मकसद पंजाब के विकास को उड्डयन और रक्षा उद्योग के केंद्र के तौर पर उभारना है जिससे सैक्टर के भविष्य की संभावनाओं का लाभ उठाने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के मौके सृजन किए जा सकें। उड्डयन विभाग ने इन्वैस्टमैंट प्रोमोशन विभाग के ‘निवेश पंजाब’ से पंजाब में एम.आर.ओ. फैसिलिटी की स्थापना के लिए पत्र प्राप्त किया था। विभिन्न कंपनियों ने पंजाब में ऐसी फैसिलिटी स्थापित करने में रुचि दिखाई थी और हवाई अड्डों के नजदीक और प्राथमिक तौर पर हवाई अड्डों /फ्लाइंग क्लबों के हैंगरों के पास जगह देने की विनती की थी। 

चंडीगढ़/पटियाला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण एम.आर.ओ. फैसिलिटी स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान है परंतु शहरी उड्डयन विभाग के पास चंडीगढ़/एस.ए.एस. नगर में कोई जमीन नहीं है। शहरी उड्डयन विभाग के पास पटियाला काम्पलैक्स में लगभग 235 एकड़ जमीन है। इस समय काम्प्लैक्स में एक फ्लाइंग ट्रेङ्क्षनग स्कूल, मध्यम आकार के जहाजों के लिए रन-वे, इंजीनियरों के लिए पंजाब स्टेट एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कॉलेज और टैक्नीशियंस के लिए पंजाब एयरक्राफ्ट मैंटीनैंस इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित है। इसके अलावा शहरी उड्डयन की रैगुलेटरी बॉडी-डायरैक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन भी स्थित है।

पंजाब एजुकेशनल सर्विस रूल्स में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने स्कूली शिक्षा विभाग के पंजाब एजुकेशनल सर्विस रूल्ज (टीङ्क्षचग कैडर) और नॉन-टीङ्क्षचग कैडर में संशोधनों को मंजूरी दे दी है।  इससे उनको अलग-अलग अदालत के फैसलों के अनुसार दुरुस्त करने के अलावा अलग-अलग कैडरों के लिए प्राथमिक योग्यताओं में तबदीली की जा सके।  संशोधनों /तबदीलियों को अलग-अलग मौजूदा नियमों में, जैसे कि द पंजाब स्टेट एजुकेशनल (स्कूल एंड इंस्पैक्शन कैडर जनरल) ग्रुप-ए सॢवस रूल्ज-2018, द पंजाब एजुकेशनल (स्कूल एंड इंस्पैक्शन कैडर) ग्रुप-बी सॢवस रूल्स -2018, द पंजाब स्टेट एलीमैंट्री एजुकेशन (प्रशासनिक कैडर) ग्रुप-बी सर्विस रूल्स-2018, द पंजाब एजुकेशनल सर्विस (टीङ्क्षचग कैडर) ग्रुप-सी सर्विस रूल्स-2018 और द पंजाब स्टेट एलीमैंट्री एजुकेशनल (टीङ्क्षचग कैडर) ग्रुप-सी सर्विस रूल्स-2018 में शामिल किया जाएगा। इसी दौरान मंत्रिमंडल ने पंजाब राज्य खाद्य आयोग के वित्तीय सालों 2015-16 और 2016-17 की प्रशासनिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी।

एडवोकेट्स वैल्फेयर फंड को मंजूरी 
मंत्रिमंडल ने ‘द पंजाब एडवोकेट्स वैल्फेयर फंड रूल्ज -2019’ को मंजूरी दे दी है। इससे संबंधित एक्ट के लागू होने के लिए रास्ता साफ हो जाएगा। सरकारी प्रवक्ता मुताबिक रा४य सरकार को ‘पंजाब एडवोकेट्स वैल्फेयर फंड एक्ट -2002’ की धारा 28 के तहत नियम तैयार कर नोटाफाई करने की जरूरत है। यह नियम राष्ट्रीयकृत बैंक में फंड जमा करने, लेखा और बजट अनुमानों की सालाना स्टेटमैंट तैयार करने, खर्चे और निवेश के लेखे और सालाना ऑडिट की व्यवस्था करते हैं। फंड में दाखिला और मैंबरशिप से हटाने की प्रक्रिया भी प्रदान की गई है। अलग-अलग गतिविधियों को पूरा करने के लिए स्टाफ की नियुक्त का उपबंध किया गया है। 

पंजाब किसान विकास चैंबर अब कृषि और किसान कल्याण विभाग के अधीन होगा
किसान हितैषी कार्य करने में विफल साबित पंजाब किसान विकास चैंबर अब कृषि और किसान कल्याण विभाग के अधीन होगा। पंजाब मंत्रिमंडल ने मोहाली स्थित चैंबर की 2 एकड़ जमीन और कार्यालय का कब्जा कृषि विभाग को सौंपने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की अगुवाई में मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सामने आया कि जब से चैंबर स्थापित हुआ है, उसके बाद 3 सालों में किसान हित में कोई कार्य नहीं किया है। इसलिए अब फैसले के जरिए चैंबर को  मुफ्त में मुहैया करवाई संपत्ति का प्रयोग किसानों की भलाई को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब राज्य किसान और कृषि कामगार आयोग और एग्रीकल्चर मार्कीटिंग इनोवेशन रिसर्च एंड इंटैलीजैंस सैंटर (ए.एम.आई.आर.आई.सी.), जो किसानों के मुद्दों और सहायता के उद्देश्य पर केंद्रित हैं, के कार्यालय अब इस इमारत में स्थापित किए जाएंगे। इसमें पंजाब किसान विकास चैंबर समेत अन्य संस्थाओं को किसानों की भलाई के लिए सैमीनार करवाने की इजाजत दी जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रालय का मानना था कि चैंबर को जारी 25 करोड़ के अनुदान में से बकाया रकम भी वापस लेने की जरूरत है। 

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