Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 09:19 AM
पंजाब के 7 संघर्षशील सार्वजनिक संगठनों के आह्वान पर हजारों किसानों व महिलाओं ने मुकम्मल ऋण माफी के लिए धरना देकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपना रोष जताया और डी.सी. बरनाला के दफ्तर का घेराव किया।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल, बेदी): पंजाब के 7 संघर्षशील सार्वजनिक संगठनों के आह्वान पर हजारों किसानों व महिलाओं ने मुकम्मल ऋण माफी के लिए धरना देकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपना रोष जताया और डी.सी. बरनाला के दफ्तर का घेराव किया।
धरने को संबोधित करते हुए किसान यूनियन के जिला प्रधान दर्शन सिंह उगोके ने मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह की चुनाव वायदा खिलाफी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मांगों की पूॢत यकीनी बनाने के लिए आखिर तक संघर्ष किए जाएंगे। संगठन ने अपना मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम डी.सी. बरनाला को दिया।
क्या हैं मांगें
1. किसानों का शोषण बंद किया जाए।
2. किसानों की मांगों को तुरंत लागू किया जाए।
3. कृषि विरोधी नीतियों के कारण सहकारी व्यापारिक बैंकों, शाहूकार आढ़ती, निजी वित्त कंपनियों से मजबूरीवश लिए कर्जे वापस करने में असमर्थ किसानों व मजदूरों के कर्जे माफ किए जाएं।
4. खाली चैक, परनोट, स्टाम्प बैंकों व आढ़तियों से तुरंत वापस करवाकर, बही खातों की कानूनी मान्यता रद्द की जाए।
5. कोर्ट में चल रहे केस वापस लिए जाएं।
6. जब्री कर्जा वसूली, कुर्की, नीलामी, गिरफ्तारियां व पुलिस दखल पर रोक लगाई जाए।
7. कृषि लागत खर्चे घटाने के लिए कार्पोरेट मुनाफों पर रोक लगाई जाए।
8. बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
9. बेसहारा पशुओं का स्थायी हल किया जाए।
10. धान की पराली व गेहूं के नाड़ को न जलाने पर धान पर 200 एवं गेहूं पर 150 प्रति किं्वटल बोनस दिया जाए।
11. पुलिस केस जुर्माने रद्द किए जाएं।
12. पंजाब सार्वजनिक व निजी प्रापर्टी नुक्सान रोकू एक्ट 2016 रद्द किया जाए।
13. कृषि मोटरों पर मीटर लगाने बंद किए जाएं।