Edited By Vaneet,Updated: 06 Feb, 2019 09:08 PM
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपनी बहन प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद अब प्रियंका 11 फरवरी को लखनऊ ....
जालन्धर(धवन): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपनी बहन प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद अब प्रियंका 11 फरवरी को लखनऊ जाकर अपना पदभार तो संभालेंगी ही परन्तु साथ ही वह लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से चुनावी बिगुल भी बजा देंगी। प्रियंका लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकत्र्ताओं के साथ बैठक भी करेंगी तथा साथ ही उनका लखनऊ में रोड शो करने का भी कार्यक्रम है। हालांकि अभी प्रियंका के कार्यक्रम की अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है परन्तु माना जा रहा है कि प्रियंका के लखनऊ जाने पर रोड शो का भी आयोजन पार्टी द्वारा किया जा सकता है।
कांग्रेसी हलकों ने बताया कि पहले प्रियंका गांधी का 10 फरवरी को लखनऊ जाने का कार्यक्रम था परन्तु अब 11 फरवरी की तारीख तय हुई है। दिल्ली में तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका को पहले ही अपने कमरे के साथ वाला कमरा अलॉट कर दिया था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रियंका के कंधों पर आई है। इतना ही नहीं कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में ही पड़ती हैं। कांग्रेस को अपना वोट बैंक भी 8 प्रतिशत से आगे ले जाना है। कांग्रेसी हलकों ने बताया कि प्रियंका गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूर्वांचल क्षेत्र में भी दस्तक दी जाएगी। वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र है। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी वाराणसी से चुनाव मैदान में उतरे थे।
कांग्रेस शासित प्रदेशों में किसानों का 1,17,300 करोड़ का कर्जा माफ
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में चुनावी माहौल बनने से पहले ही कांग्रेस शासित प्रदेशों में किसानों का कर्जा माफ करने के लिए उठाए गए कदमों को सोशल मीडिया पर तेजी से उठाना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी ने किसान ऋण माफी के नवीनतम आंकड़े पेश किए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक कांग्रेस व सहयोगी दलों की पांच सरकारों ने किसानों का 1,17,300 करोड़ का कर्जा माफ किया है। जिनमें पंजाब सरकार ने किसानों का 10,000 करोड़, राजस्थान में 18,000 करोड़, मध्यप्रदेश में 35,000 करोड़, छत्तीसगढ़ में 6100 करोड़ तथा कर्नाटक में 48200 करोड़ शामिल हैं।