Edited By Updated: 22 May, 2017 09:36 AM
पंजाब के लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक ओर जहां अकाली-भाजपा सरकार द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच का कार्य शुरू कर रखा है वहीं उन्होंने पंजाब के नगर निगमों और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों में सैंकड़ों स्टाफ सदस्यों को ट्रांसफर करने की तैयारी कर...
जालंधर (खुराना) : पंजाब के लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक ओर जहां अकाली-भाजपा सरकार द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच का कार्य शुरू कर रखा है वहीं उन्होंने पंजाब के नगर निगमों और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों में सैंकड़ों स्टाफ सदस्यों को ट्रांसफर करने की तैयारी कर ली है। राहत की बात इतनी है कि ट्रांसफर होने जा रहे स्टाफ सदस्यों से उनकी मनपसंद के 3 स्टेशन पूछे गए हैं जहां वे अपनी बदली चाहते हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले नवजोत सिद्धू ने सभी नगर निगमों और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों को पत्र जारी करके ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों की डिटेल मांगी थी जो वर्षों से एक ही स्टेशन पर नौकरी कर रहे हैं और उसी कुर्सी से चिपके बैठे हैं।
पता चला है कि ज्यादातर डाटा मंत्री के पास पहुंच चुका है जिसे देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगमों और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों में व्यापक भ्रष्टाचार का एकमात्र कारण एक ही स्टेशन पर लम्बी तैनाती है। जालंधर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में एक क्लर्क यदि एक ही कुर्सी पर 40 साल बैठ सकता है तो पंजाब में ऐसे कई इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट हैं जहां के कर्मचारियों ने अपनी-अपनी कुर्सी की रजिस्ट्री अपने नाम करवा रखी है। ज्वाइनिंग से लेकर रिटायरमैंट तक एक ही शहर में नौकरी करने के पंजाब में कई उदाहरण नवजोत सिद्धू को मिल सकते हैं जिस कारण अब उनका अगला कदम निगमों और ट्रस्टों में थोक भाव पर तबादले करना ही है।
इंजीनियरिंग स्टाफ भी निशाने पर
नवजोत सिद्धू ने जहां क्लर्कों व इस कैटेगरी के अन्य स्टाफ सदस्यों की सूचना तलब की है वहीं उनका निशाना निगमों तथा ट्रस्टों में कार्य कर रहा इंजीनियरिंग स्टाफ भी है जो कई दशकों से एक ही शहर में टिका रहता है। इंजीनियरिंग स्टाफ यह तर्क दे रहा है कि उन्हें शहर के बारे में जो जानकारी हो सकती है वह दूसरे शहर से आए नए कर्मचारी को नहीं हो सकती इसलिए थोक स्तर पर तबादले करने से निगमों और ट्रस्टों में अफरा-तफरी फैल जाएगी तथा काम रुक जाएंगे परन्तु माना जा रहा है कि नवजोत सिद्धू का मुख्य निशाना भ्रष्टाचार को रोकना है।
2 महीने के लिए होती है ट्रांसफर
नवजोत सिद्धू ने निगमों और ट्रस्टों के कर्मचारियों की पोस्टिंग बारे जो रिकार्ड मंगवाया है उसमें अक्सर देखा जा रहा है कि एक ही स्टेशन पर 40-40 साल से काम कर रहे कर्मचारी सरकार की आंखों में धूल झोंकने के लिए 5-7 सालों बाद अपना तबादला नजदीक के शहर में करवा लेते हैं जो 2 माह तक चलता है। फिर वापस अपने शहर और अपनी ही कुर्सी पर आ बैठते हैं। पता चला है कि नवजोत सिद्धू निगमों और ट्रस्टों में तबादलों बारे स्थायी और नई नीति बनाने जा रहे हैं जिसे लेकर पंजाब भर के निगमों और ट्रस्टों में हड़कम्प मचा हुआ है।