सरकारी विभागों ने पावरकाम का देना है करोड़ों रुपए का बिल

Edited By Mohit,Updated: 16 Jun, 2019 10:24 PM

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पावरकाम विभाग यदि उपभोक्ता की ओर से बिजली बिलों की अदायगी करने की समय सीमा निकल जाए, तो उसको जुर्मानों के साथ मोटी रकम वसूली जाती है। यदि उपभोक्ता लगातार 2-3 बिजली के बिलों की अदायगी नहीं करता, तो उसका बिजली का कनैक्शन काट दिया जाता है।

कपूरथला (महाजन): पावरकाम विभाग यदि उपभोक्ता की ओर से बिजली बिलों की अदायगी करने की समय सीमा निकल जाए, तो उसको जुर्मानों के साथ मोटी रकम वसूली जाती है। यदि उपभोक्ता लगातार 2-3 बिजली के बिलों की अदायगी नहीं करता, तो उसका बिजली का कनैक्शन काट दिया जाता है। इस दौरान उसको बिजली का कनैक्शन चालू करवाने के लिए सभी पुराने बिल व जुर्माने सहित रकम देनी पड़ती है और फिर उसका बिजली का कनैक्शन चालू होता है। परंतु यह नियम कपूरथला सर्कल पावरकाम के अधीन आते सरकारी विभागों में लागू नहीं हो रहे, क्यों कि कपूरथला सर्कल में बिजली के सरकारी बिल 35 करोड़ 83 लाख 38 हजार रुपए सरकारी विभागों की ओर बकाया खड़ा है। जिसकी वसूली पावरकाम के अधिकारियों ने अभी तक कोई ठोस योजना नहीं बनाई है। 

कौन-कौन से विभागों की ओर कितना पड़ा बकाया?
कपूरथला सर्कल के अधीन आते सब डिविजन कपूरथला, सिटी डिविजन कपूरथला-1, सिटी डिविजन कपूरथला-2, सिटी डिविजन नकोदर, सब डिविजन नकोदर, करतारपुर डिविजन आदि क्षेत्र आते है। इन डिविजनों में सरकारी विभागों का 35 करोड़ 83 लाख 38 हजार रुपए में वाटर सप्लाई व सैनिटेशन विभाग का 20 करोड़ 56 लाख 12 हजार रुपए, ग्रह मंत्रालय व जेल (पुलिस विभाग) का 2 करोड़ 58 लाख 1 हजार रुपए, सेहत व परिवार भलाई विभाग का 2 करोड़ 54 लाख 70 हजार रुपए, लोकल बाडी विभाग का 2 करोड़ 25 लाख 34 हजार रुपए, रुरल डिवैल्पमैंट व पंचायत 5 करोड़ 3 लाख 91 हजार रुपए, राज्यस्व पुर्णवास व आपदा प्रबंधन विभाग 41 लाख 14 हजार रुपए, जनरल एडमनिस्ट्रेशन का 27 लाख 69 हजार रुपए, पब्लिक वर्कस का 25 लाख 21 हजार रुपए, स्कूल शिक्षा का 51 लाख 25 हजार रुपए, सेल टैक्स विभाग का 1 लाख 5 हजार रुपए, रेलवे विभाग का 1 लाख 99 हजार रुपए, पशु पालन, डेयरी विकास व मछली पालन विभाग का 2 लाख 42 हजार रुपए, सहिकारिता विभाग का 80 हजार रुपए, फूड सिविल सप्लाई विभाग का 25 हजार, जंगलात विभाग का 6 हजार रुपए, गवर्नैस रीफोरमज का 45 लाख 22 हजार रुपए, वैल्फेयर आफ एस.सी. एंड बी.सी. का 97 हजार रुपए, हाउसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट का 21 लाख 87 हजार रुपए, इंफारमेशन टैक्नोलजी का 4 लाख 67 हजार रुपए, लीगल एंड लैजिस्लेटिव अफेयरज का 51 हजार रुपए, बिजली विभाग का 20 लाख 92 हजार रुपए, टैक्नीकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग का 35 हजार रुपए, ट्रांसपोर्ट विभाग का 1 लाख 24 हजार रुपए व अन्य विभागों को 37 लाख 20 हजार रुपए बकाया पड़ा है। 

पंजाब सरकार की ओर से तेज तरार नेता नवजोत सिंह सिद्धू को बिजली विभाग का मंत्री बनाया गया है। अब देखना यह है कि पावरकाम की सरकारी विभाग में खड़ी डिफाल्टर रकम को वसूल करने के लिए कौन सी रणनीति तैयार करेंगे। इन विभागों की ओर कई वर्षो से डिफाल्टर रकम चलती आ रही है और कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई। 

क्या कहते है कपूरथला सर्कल पावरकाम के इंजीनियर
पावरकाम कपूरथला के सर्कल इंजी. संजीव कुमार ने कहा कि सरकारी विभागों में खड़ी डिफाल्टर रकम संबंधी पावरकाम के उच्चाधिकारियों के साथ समय समय पर रिपोर्ट की जाती है। विभाग की ओर से जो भी एक्शन प्लान बनाया जाएगा, उसको पूरी तरह अमल में लाया जाएगा। 

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