कांग्रेस, शिअद को टक्कर देने के लिए महागठबंधन की संभावना बढ़ी

Edited By Vatika,Updated: 12 Jan, 2019 05:51 PM

possibility of big coalition increased

आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (बादल) को कड़ी टक्कर देने के लिए नए राजनीतिक दलों का महागठबंधन बनाने की तैयारी चल रही है। पंजाब की सिख केन्द्रित राजनीति में जहां सभी छोटे राजनीतिक दल श्री गुरू ग्रंथ...

अमृतसर/जालंधरः आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (बादल) को कड़ी टक्कर देने के लिए नए राजनीतिक दलों का महागठबंधन बनाने की तैयारी चल रही है। पंजाब की सिख केन्द्रित राजनीति में जहां सभी छोटे राजनीतिक दल श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले को भुनाना चाहते हैं वहीं शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन 1984 के सिख कत्लेआम मामले में हुई सजाओं तथा करतारपुर साहिब कोरिडोर को मुख्य मुद्दा बनाएगी।
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कांग्रेस पर आरोप है कि वह पंजाब विधानसभा चुनावों में किए गए वादों को पूरा नहीं कर पाई है। किसान और अध्यापक वर्ग अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। राज्य को नशा मुक्त करने में भी कांग्रेस सरकार असफल रही है। शिअद भाजपा गठबंधन सरकार के समय हुए बहवल कलां कांड और बरगाड़ी का श्री गुरू ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले को लेकर शिअद के कई टकसाली नेताओं ने पार्टी को छोड़कर जब से नई राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल टकसाली का गठन किया है तब से राज्य में तीसरे मोर्चे की संभावनाए बलवती हुई हैं। शिअद भाजपा और कांग्रेस को करारी टक्कर देने के लिए आम आदमी पार्टी, लोक इंसाफ पार्टी, पंजाबी एकता पार्टी और एक समान विचार रखने वाले कई छोटे दल शिरोमणि अकाली दल टकसाली से संपर्क बना रहे हैं। आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रमुख और सांसद भगवंत मान कुछ समय पहले पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निर्देश पर आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) के प्रधान और सांसद जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा से मिल चुके हैं।
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अब आम आदमी पार्टी के बागी नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने पंजाबी एकता पार्टी का गठन कर लिया है। खैहरा ने शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) के अध्यक्ष रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा से उनके निवास पर मुलाकात कर महागठबंधन की संभावना पर चर्चा की। लगभग दो घंटे चली मुलाकात दौरान दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनावों से पहले महागठबंधन बनाने पर विचार किया। बैठक में खडूर साहब से पूर्व विधायक रवीन्द्र सिंह ब्रह्मपुरा भी मौजूद थे, जिस प्रकार सभी दल आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) के साथ गठजोड़ करने की कोशिशों में लगे हुए हैं, उससे स्पष्ट होता है कि एक नया राजनीतिक मोर्चा उभर कर सामने आ सकता है जो कांग्रेस और शिअद (बादल) के विरुद्ध एक बड़ी राजनीतिक हस्ती साबित हो सकती है।
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अकाली दल (टकसाली) के अध्यक्ष जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा हालात के मद्देनजर पंजाब के लोग राजनैतिक बदलाव चाहते हैं और यह सिर्फ तभी मुमकिन है जब कांग्रेस और अकाली दल बादल को छोड़ कर सभी राजनीतिक पार्टियां एक सोच, मकसद, भावनाओं और विचारों के साथ पंजाब की जनता की भलाई के लिए एक ही प्लेटफार्म और एकत्र हो जायें। खैहरा ने बताया कि लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा बहवल कला कांड और बरगाड़ी का बेअदबी कांड और अन्य राज्यों को जा रहा पंजाब की नदियों का पानी होगा। उन्होंने कहा कि वह इन मद्दों पर महागठबंधन में शामिल होंगे।

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