Edited By Kalash,Updated: 10 Mar, 2025 11:00 AM

बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या के लिए वैसे तो मुख्य रूप से डेयरियों के साथ डाइंग इंडस्ट्री को जिम्मेदारी ठहराया जाता है
लुधियाना (हितेश): बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या के लिए वैसे तो मुख्य रूप से डेयरियों के साथ डाइंग इंडस्ट्री को जिम्मेदारी ठहराया जाता है लेकिन ग्लाडा की वजह से भी बुड्ढे नाले में प्रदूषण फैल रहा है। यह खुलासा संत सींचेवाल द्वारा बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए शुरू की गई कार सेवा के दौरान हुआ है।
इस दौरान यह बात सामने आई है कि ताजपुर रोड पर ग्लाडा की जो लाइन स्ट्रॉम सीवरेज के नाम पर बुड्ढे नाले में डाली गई थी, उसकी आड़ में आसपास के इलाकों का डोमैस्टिक वेस्ट सीधे तौर पर बुड्ढे नाले में गिर रहा था। यह प्वाइंट पकड़े जाने पर संत सीचेवाल ने पहले लोकल अफसरों को अवगत करवाया गया लेकिन उनके द्वारा इस मामले को गंभीरता से न लेने पर लोकल बॉडीज मंत्री रवजोत सिंह व गर्वनर गुलाब चंद कटारिया के सामने मुददा उठाया गया।
इसके बाद ग्लाडा द्वारा अब एक लाइन की रिपेयर की गई है और दूसरी लाइन को नगर निगम के साथ जोड़ने का काम शुरू किया गया है। इसके चलते ताजपुर रोड व चंडीगढ़ रोड के साथ लगते ग्लाडा के एरिया के सीवरेज का पानी सीधे तौर पर बुढ़े नाले में गिरने की बजाय एस.टी.पी. के जरिए होकर आएगा। इसकी पुष्टि नगर निगम के चीफ इंजीनियर रविंद्र गर्ग ने की है।
पी.पी.सी.बी. की कार्रवाई का इंतजार
बुड्ढे नाले में केमिकल युक्त पानी के साथ सीधे तौर पर सीवरेज का डिस्चार्ज रोकने की जिम्मेदारी पी.पी.सी.बी. की है लेकिन लंबे समय से पी.पी.सी.बी. के अधिकारियों को ग्लाडा की वजह से बुड्ढे नाले में फैल रहा प्रदूषण नजर नहीं आया। अब ताजपुर रोड पर ग्लाडा के एरिया का डोमैस्टिक वेस्ट बुड्ढे नाले में सीधे तौर गिरने का मामला पकड़े जाने के बाद भी नोटिस जारी नहीं किया गया है।
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