पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर थम गया चुनावी शोरगुल

Edited By Vaneet,Updated: 17 May, 2019 09:09 PM

polling looms over 13 lok sabha seats in punjab

पंजाब के तेरह लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचकर आज शाम छह बजे थम गया। अब प्रत्याशी घर-घर जाकर ही मतदाता...

चंडीगढ़: पंजाब के तेरह लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचकर आज शाम छह बजे थम गया। अब प्रत्याशी घर-घर जाकर ही मतदाताओं से संपर्क कर सकेंगे। पंजाब की तेरह सीटों मेें से बठिंडा, फिरोजपुर, पटियाला, संगरूर, अमृतसर तथा गुरदासपुर सीटें प्रतिष्ठित सीटें मानी जा रही हैं तथा फरीदकोट, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, खडूर साहिब, होशियारपुर, जालंधर तथा फिरोजपुर हैं जिन पर कांग्रेस तथा अकाली दल-भाजपा गठबंधन की सीधी टक्कर है लेकिन संगरूर सीट पर आम आदमी पार्टी कांग्रेस तथा अकाली दल को टक्कर दे रही है। 

पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डा.एस. करुणा राजू ने आज यहां बताया कि चुनाव प्रचार मतदान के 48 घंटे पहले शाम को समाप्त हो गया। अपने उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने के लिए बाहर से आए नेताओं/पार्टी कार्यकर्ताओं को क्षेत्र से बाहर जाना पड़ेगा। चुनाव आयोग के आदेशों की पालना के लिए सिविल और पुलिस प्रशासन को जरूरी हिदायतें जारी कर दी गई हैं जिससे आयोग की हिदायतों को यथावत लागू किया जा सके। ये आदेश चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों पर लागू नहीं होंगे। 

इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमितशाह, केन्द्रीय मंत्री वीपी सिंंह, पीयूष गोयल, राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, हेमामालिनी सहित भाजपा के बड़े नेताओं ने अकाली-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशियों के लिये रोड शो तथा रैलियां की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, आनंद शर्मा ,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने रोड शो के साथ रैलियां तथा जनसभाएं की। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया तथा आप के मंत्रियों तथा अन्य नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों के लिए रोड शो किया तथा जनसभाएं और रैलियां की। इस चुनाव प्रचार में जनता से जुड़े असली मुद्दे तो नदारद रहे। धार्मिक पक्ष तथा विकास को मुद्दा बनाया गया। 

पक्ष-विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार, प्रदेश सरकार निशाने पर रही। कांग्रेस ने अकाली सरकार के दौरान बेअदबी की घटनायें, फायरिंग तथा बादलों के कुशासन का गुणगान किया वहीं अकालियों तथा भाजपा ने कांग्रेस पर 1984 के दंगों तथा ब्लू स्टार आपरेशन के दौरान स्वर्ण मंदिर पर हमले को निशाना बनाकर लोगों की भावनायें कैश करने की कोशिश की। कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया कि अकालियों के चंगुल से सिख संस्थाओं को मुक्त कराने के लिये वो किसी भी पार्टी को अपना समर्थन देगी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आज एक जनसभा में यहां तक कह दिया कि अकाली दल अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने का सपना न देखे क्योंकि उनका लोकसभा चुनाव में सफाया होने जा रहा है। धार्मिक भावनायें भड़काकर अकाली दल बहबलकलां तथा बरगाड़ी पुलिस फायरिंग की याद लोगों के मन में ताजा करके नुकसान उठायेगा। 

केजरीवाल ने कांग्रेस तथा अकाली-भाजपा को निशाना बनाते हुए लोगों से अपील की कि वे राज्य को इन परंपरागत पाटिर्यों से मुक्त करायें ताकि पंजाब के शिक्षा, स्वास्थ्य सहित बुनियादी जरूरतों के हल के लिए दिल्ली की तर्ज पर काम किया जा सके। अकाली दल से अलग हुई अकाली दल टकसाली के नेताओं ने अकालियों को आड़े हाथों लेते हुए पंजाब की बर्बादी तथा सिख संस्थाओं की छवि खराब करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। पंजाब डेमोक्रेटिक फ्रंट के उम्मीदवारों ने भी प्रदेश की आर्थिक स्थिति बदतर बनाने के लिए कांग्रेस तथा अकाली दल को जिम्मेदार बताते हुए लोगों से उन्हें वोट देने की अपील की। 

राज्य में 19 मई को निष्पक्ष, भय मुक्त और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं। सभी तेरह सीटों के लिए 23,213 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं । इनमें से 249 मतदान केन्द्रों को क्रिटीकल, 719 संवेदनशील और 509 की अति संवेदनशील के रूप में पहचान की गई है। राज्य में कुल 278 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनकी किस्मत का फ़ैसला 2,07,81,211 मतदाता करेंगे। इनमें पुरुष वोटर 1,09,50,735, महिला वोटर 9,82,916 और थर्ड जैंडर के 560 वोटर हैं। तीन लाख मतदाता पहली बार वोट के अधिकार का प्रयोग करेंगे। 278 उम्मीदवारों में से 254 पुरुष और 24 महिलाएं हैं। 

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