Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 01:22 PM
पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मैडीकल साइंसिस में जनता को फायदा पहुंचाने की जगह धोखा देने का काम तो हो ही रहा है मगर पिम्स प्रबंधन द्वारा अपनी
जालंधर(अमित) : पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मैडीकल साइंसिस में जनता को फायदा पहुंचाने की जगह धोखा देने का काम तो हो ही रहा है मगर पिम्स प्रबंधन द्वारा अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे के लिए अब झूठ का सहारा तक लिया जा रहा है जिसका जीता जागता सबूत है कि गत दिवस पिम्स प्रबंधन की तरफ से प्रिंसीपल आफिसर कम फाइनैंस कंट्रोलर दिनेश मिश्रा का दिया गया बयान जोकि सरासर झूठा व गलत साबित हुआ।
पिम्स में फिजियोथैरिपी के दाम पी.जी.आई. के बराबर
पिम्स में फिजियोथैरिपी के लिए 30 रुपए प्रति विजिट नहीं बल्कि 150 रुपए प्रति विजिट वसूले जा रहे हैं, जबकि दिनेश मिश्रा ने एक दिन पहले दावा किया था कि पिम्स में फिजियोथैरिपी के दाम पी.जी.आई. के बराबर हैं और जनता की परेशानी को कम करने के लिए 5 विजिट के पैसे यानी कि 150 रुपए एक साथ चार्ज किए जाते हैं। उन्होंने कहा था कि देखने में ऐसा प्रतीत होता है कि पैसे अधिक वसूले जा रहे हैं मगर असलीयत में ऐसा नहीं है इसलिए अधिक पैसे वसूलने की बात बिल्कुल गलत है।
कैसे पता चली सच्चाई?
बुधवार को पंजाब केसरी की टीम ने पिम्स प्रबंधन के दावों का सच जानने के लिए वहां का दौरा किया और वहां एक व्यक्ति को मरीज बनाकर फिजियोथैरिपी करवाने के लिए संपर्क किया। फीस काऊंटर पर जाने पर उसे पहले मेन गेट के साथ वाली रिसैप्शन पर जाकर 10 रुपए वाला एक कार्ड बनवाकर लाने के लिए कहा। कार्ड बनवाकर जब फीस काऊंटर पर गए तो वहां मौजूद कैशियर से साफ तौर पर कई बार पूछा गया कि प्रति विजिट कितने पैसे चार्ज किए जाते हैं तो उसने स्पष्ट तौर पर कहा कि प्रति विजिट 150 रुपए लगेंगे परंतु आपको जितनी विजिट के पैसे देने हैं आप उस हिसाब से दे सकते हैं। इस बात को और पुख्ता करने के उद्देश्य से फिजियोथैरिपी करवाने के लिए बाकायदा तौर पर 3 विजिट की फीस अदा की गई और इसके लिए 450 रुपए नकद राशि भी कैश काऊंटर पर जमा करवाई गई।
मीडिया को गुमराह करने की नीयत से दिया गया गलत बयान
इसके पश्चात उक्त युवक ने ओ.पी.डी. नं 1 में जाकर अपनी पहली विजिट की फिजियोथैरिपी भी करवाई। इतना ही नहीं वहां पर मौजूद अन्य मरीजों से भी जब इस बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने भी कहा कि उनसे भी प्रति विजिट 150 रुपए ही चार्ज किए जा रहे हैं। इस पूरे मामले में एक बात स्पष्ट है कि पिम्स प्रबंधन द्वारा मामले की सारी जानकारी होने के बावजूद मीडिया को गुमराह करने की नीयत से गलत बयान दिया गया ताकि वह अपनी बात को सही बताकर आम जनता के साथ किए जा रहे इतने बड़े धोखे को छिपा सकें। पिम्स के सूत्रों की मानें तो फिजियोथैरिपी के लिए जा रहे पांच गुना दाम के पीछे एक बहुत बड़ा गोरखधंधा काम कर रहा है। फिजियोथैरिपी की इस सारी कमाई को बड़ी सफाई से कुछ हिस्सों में बांटा जाता है।