पंजाब सरकार ने 5 लाख एकड़ ज़मीन में DSR विधि द्वारा धान की बुआई का रखा लक्ष्य

Edited By Paras Sanotra,Updated: 10 Jun, 2023 07:28 PM

pb govt has set a target of sowing paddy in 5l acres

पंजाब में धान की बिजाई का सीज़न शुरू हो गया है। इस बार पंजाब सरकार ने मानसून के सीज़न में 71 से 74 लाख एकड़ क्षेत्र में धान की सीधी बुआई (डी.एस.आर.) करने का फैसला किया है।

चंडीगढ़: पंजाब में धान की बिजाई का सीज़न शुरू हो गया है। इस बार पंजाब सरकार ने मानसून के सीज़न में 71 से 74 लाख एकड़ क्षेत्र में धान की सीधी बुआई (डी.एस.आर.) करने का फैसला किया है। इस सीज़न में 5 लाख एकड़ क्षेत्र में बुआई डी.एस.आर. विधि के अधीन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 25 हज़ार एकड़ में बुआई हो चुकी है। इस सीज़न के लिए डी.एस.आर. लक्ष्य पिछले सीज़न (2.12 लाख एकड़) से 2.5 गुना अधिक है।

बता दें कि धान की डी.एस.आर. खेती को अक्टूबर और नवंबर के कटाई के महीनों के दौरान भूजल संरक्षण और पराली को जलाने से रोकने के लिए एक बड़े कदम के रूप में देखा जाता है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फसलों विशेषकर गेहूं और धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने के पारंपरिक तरीके से एक किलो चावल में 3,367 लीटर पानी की खपत होती है। डी.एस.आर. पद्धति से कुल जल उपयोग का कम से कम 20% बचाया जाता है।

डी.एस.आर. के लिए 126, 128 और 131 जैसी लघु अवधि की किस्मों की सिफारिश की जाती है, क्योंकि वे कम फसल अवशेष पैदा करती हैं और जल्दी पक जाती हैं। पांच साल पहले 2018 में, केंद्र ने धान की पराली के इन-सीटू प्रबंधन के लिए एक योजना शुरू की थी, जिसके लिए धान उत्पादकों को सब्सिडी वाली मशीनों की आपूर्ति के लिए 1,370 करोड़ रुपये आबंटित किए गए थे। पंजाब में, धान 29-30 लाख हेक्टेयर (71 से 74 लाख एकड़) के क्षेत्र में उगाया जाता है, जिसमें से लगभग पांच लाख हेक्टेयर (12.5 लाख एकड़) प्रीमियम सुगंधित बासमती किस्म के तहत होता है, जिसका एक बड़ा हिस्सा यूरोप को निर्यात किया जाता है। 

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