Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 07:49 AM
शहीदों के शहर को टूरिस्ट हब बनाने में शुरू से ही राजनीति हावी रही है, जिसके चलते यहां के पर्यटक स्थलों की तरफ ध्यान देने के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। हर बार राजनेताओं द्वारा इनके पूर्णोद्धार व सुंदरता हेतु ग्रांट लाने के दावे किए जाते...
फिरोजपुर(जैन): शहीदों के शहर को टूरिस्ट हब बनाने में शुरू से ही राजनीति हावी रही है, जिसके चलते यहां के पर्यटक स्थलों की तरफ ध्यान देने के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। हर बार राजनेताओं द्वारा इनके पूर्णोद्धार व सुंदरता हेतु ग्रांट लाने के दावे किए जाते है, लेकिन यह ग्रांट कब आती है और किधर चली जाती है, यह आम नागरिकों के लिए रहस्य बना हुआ है। वास्तव में पर्यटनस्थलों को बढ़ावा देने में अधिकारी व नेता सुस्त दिख रहे हैं। नगर में इंडो-पाक सीमा पर स्थित हुसैनीवाला बार्डर व शहीदी स्मारक बाहर से आने वालों के लिए आकर्षण का केन्द्र है तो वहीं गुरुद्वारा सारागढ़ी साहिब, फिरोजशाह में स्थित एंग्लो-सिख वार सहित फिरोजपुर शहर में बने गेट तथा हरिके पत्तन की बर्ड सैंक्चुरी, जोकि जिले को नई पहचान प्रदान करती है।
ग्रांट आई वापस चली गई
वर्ष 2014 में यू.पी.ए. शासन के दौरान केन्द्रीय टूरिज्म मंत्रालय द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र के पर्यटनस्थलों की सुंदरता के लिए भेजी 4.5 करोड़ की ग्रांट आने के बावजूद खर्च नहीं हुई और वापस चली गई, जिसका मुख्य कारण नेताओं की आपसी राजनीति माना गया।
उस वक्त विधायक परमिन्द्र पिंकी ने एक बयान देकर कहा था कि यू.पी.ए. सरकार ने हुसैनीवाला की सुंदरता के लिए 65.3 लाख, शौचालय के लिए 13.12 लाख, रेलवे की ब्यूटीफिकेशन के हेतु 94.11 लाख, उक्त स्थल को दर्शाने के साइड बोर्ड हेतु 18.18 लाख, सारागढ़ी गुरुद्वारा की लैंड स्केपिंग के लिए 46.16 लाख, लाइटिंग व साऊंड सिस्टम हेतु 16.3 लाख, सूचना केन्द्र के लिए 3.6 लाख, हरिके बर्ड सैंक्चुरी के लिए 76 लाख व एंग्लो सिख फिरोजशाह की सुंदरता व रख-रखाव हेतु 18 लाख रुपए जारी किए थे।
सी.एम. ने भी जारी की थी ग्रांट
मार्च 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 13.5 करोड़ की ग्रांट जारी करते हुए हुसैनीवाला में साऊंड लाइट सिस्टम के अलावा ऑडीटोरियम की मुरम्मत, भगत सिंह के जीवन की डॉक्यूमैंट्री व ड्रामा, गट्टी राजो तक सड़क बनाने तथा हजारे वाला का पुल बनाने का दावा किया था। इस ग्रांट से भी अभी तक पूरा काम नहीं हो पाया है।