वोटर बनने के लिए विदेशों से आए 1658 आवेदन, 413 रद्द

Edited By swetha,Updated: 31 Mar, 2019 01:04 PM

nri voters

पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां से लाखों की संख्या में लोग दूसरे देशों में गए हैं। 7 लाख के करीब ऐसे पंजाबी एन.आर.आई. हैं, जो भारत में वोटर बनने के योग्य हैं, लेकिन वोटर बनने में उनकी दिलचस्पी शुरू से ही काफी कम रही है।

चंडीगढ़(गुरउपदेश भुल्लर): पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां से लाखों की संख्या में लोग दूसरे देशों में गए हैं। 7 लाख के करीब ऐसे पंजाबी एन.आर.आई. हैं, जो भारत में वोटर बनने के योग्य हैं, लेकिन वोटर बनने में उनकी दिलचस्पी शुरू से ही काफी कम रही है। वह पंजाब में चुनाव लडऩे वालों का हौसला भी बढ़ाते हैं और वित्तीय सहायता भी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद वोटर बनने में दिलचस्पी पिछले चुनाव में नहीं बढ़ी। चुनाव आयोग के प्रयासों से इस बार कुछ ही दिनों में आनलाइन आवेदन की सुविधा सक्रिय रूप में लागू किए जाने के बाद एन.आर.आइज में वोटर बनने के लिए दिलचस्पी बढऩे के संकेत साफ दिखाई दिए हैं।

फार्म 6-ए के तहत एन.आर.आइज के वोटर बनने के लिए 1658 आवेदन आए। इनमें 413 कमियों के कारण रद्द किए गए है। 749 को स्वीकार करने के बाद 711 को सूची में अपडेट करके दर्ज करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। 38 आवेदन सुची में दर्ज करने के लिए अभी लंबित हैं। 15 अप्रैल तक अगर 300 और आवेदन आ जाते हैं तो नए दर्ज होने वाले एन.आर.आई. वोटरों की संख्या 1000 से ऊपर हो जाएगी, जबकि 393 पहले ही दर्ज हैं। सैंकड़ों से हजारों में एन.आर.आई. वोटर का पंजाब में कुछ ही दिनों के प्रयासों से आंकड़ा पहुंचने से भविष्य में और ज्यादा एन.आर.आई. को मतदान से जोडने में सफलता मिल सकती है।

एन.आर.आई. वोटर्स में से पंजाब में अधिकतर दोआबा क्षेत्र से
पंजाब से ज्यादातर एन.आर.आई. कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड आदि देशों में गए हैं। पूरे देश में अन्य राज्यों पर नजर डालें तो चुनाव की घोषणा से पहले देश में 71735 एन.आर.आई. वोटर हैं। इनमें सबसे अधिक 66584 एन.आर.आई. वोटर केरल में हैं। इसके बाद आंध्रप्रदेश में 2511 और तेलंगाना में 1127 एन.आर.आई. वोटर हैं जबकि यहां के एन.आर.आई. की संख्या भी लाखों में है। हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश व राजस्थान राज्यों में तो एन.आर.आई. वोटरों की संख्या पंजाब से भी कम है।

पंजाब के इन जिलों से  नए आवेदन स्वीकार, गुरदासपुर सबसे आगे

गुरदासपुर  367
अमृतसर 12
तरनतारन 72
कपूरथला  4
जालंधर   10
होशियारपुर  5
शहीद भगत सिंह नगर  180
लुधियाना 4
मोगा 3
फिरोजपुर     1
बरनाला   2
पटियाला   3
पठानकोट   47
फाजिल्का   1
रोपड़   0
एस.ए.एस. नगर  0
फरीदकोट  0
बठिंडा 0
मानसा  0
संगरूर 0

मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी जताई थी चिंता 
श के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले अपना कार्यभार संभालने के बाद श्री दरबार साहिब अमृतसर में माथा टेकने पहुंचे थे। उन्होंने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी डा. एस. करुणा राजू की उपस्थिति में मीटिंग दौरान एन.आर.आई. में वोटर बनने की दिलचस्पी न बढऩे पर ङ्क्षचता जताई थी। उन्होंने कहा था कि पंजाब एक ऐसा राज्य है, जहां से पूरी दुनिया के देशों में एन.आर.आई. गए हैं। ऐसे खुशहाल राज्य से गए लाखों एन.आर.आई. द्वारा मतदान से दूर रहने पर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा था कि इसके लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी को एन.आर.आई. वोटरों की संख्या बढ़ाने की ओर विशेष ध्यान देने को भी कहा था।

अब मालवा क्षेत्र भी पीछे नहीं
पंजाब में अधिकतर एन.आर.आई. दोआबा क्षेत्र से हैं, परंतु अब मालवा क्षेत्र भी पीछे नहीं रहा और यहां से भी बड़ी संख्या में लोग विदेशों की ओर रुख कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार एन.आर.आई. पंजाब में 40 से अधिक विधानसभा हलकों में प्रभाव डालने में समर्थ हैं। एन.आर.आई. को प्राप्त मौजूदा प्रावधान के अनुसार 1 जनवरी, 2019 को 18 वर्ष की आयु वाले मतदाता बन सकते हैं। शर्त सिर्फ इतनी है कि उनके पास विदेशी सिटीजनशिप नहीं होनी चाहिए। एन.आर.आई. वोटर के पास मतदान के समय भारतीय पासपोर्ट होना अनिवार्य है।

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मुश्किलें हल न होने से नाराज रहते हैं एन.आर.आई.
पंजाब में एन.आर.आई. का मतदान से दूर रहने का एक कारण उनकी मुश्किलों का समय-समय पर आई सरकारों द्वारा किए गए वायदों के बावजूद समाधान न करना भी है। एन.आर.आई. की मुख्य समस्या उनकी संपत्तियों पर होने वाले नाजायज कब्जों की है। जिसके बारे में अब भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई। पिछली अकाली-भाजपा सरकार के समय बेशक राज्य में विशेष एन.आर.आई. थाने भी स्थापित किए गए, परंतु मौजूदा सिस्टम में एन.आर.आई. का न्याय दिलवाने में ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए। कांग्रेस ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान मैनीफैस्टो में एन.आर.आई. की समस्याओं के समाधान तथा मामलों के जल्दी निपटारे के लिए विशेष अदालतें गठित करने का वायदा किया था। परंतु अब तक यह कार्य भी पूरा नहीं हुआ। चुनाव घोषणा होने के बाद मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने सरकार के दो वर्ष पूरे होने के समय अपने कार्यों के लिए पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में की गई प्रैस कांफ्रैंस के दौरान फिर घोषणा की है कि चुनाव खत्म होने के बाद विशेष अदालतों के गठन का कार्य पूरा किया जाएगा जिस संबंध में कार्रवाई पहले ही शुरू की जा चुकी है। अगर एन.आर.आई. के लिए राज्य में समस्याओं के निपटारे के लिए अच्छी व्यवस्था बन जाए और उनकी प्रॉपर्टीज आदि की सुरक्षा सुनिश्चित कर दी जाए तो आने वाले समय में प्रेरित करके एन.आर.आई. वोटर की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

संख्या और बढ़ाने का  प्रयास 
चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार अभी 15 अप्रैल तक वोटर बनाने का कार्य जारी रहना है। एन.आर.आई. को वोटर बनने के लिए प्रेरित करने हेतू चुनाव विभाग की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट राजा सांसी में एन.आर.आई. वोटर बनने के लिए विशेष आन लाईन आवेदन सुविधा प्रदान की गई है। एन.आर.आई. से रेडियो टाक के माध्यम से भी बातचीत का सिलसिला जारी रखा जा रहा है। उम्मीद है कि 15 अप्रैल तक एन.आर.आई. वोटर की संख्या सैंकड़ों से हजार तक पहुंच सकती है।  -डा. एस. करुणा राजू मुख्य चुनाव अधिकारी, पंजाब।

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