Edited By Anjna,Updated: 08 Jun, 2018 07:36 AM
बठिंडा पुलिस ने राज्य में सबसे पहले व्हाट्सएप द्वारा सम्मन भेजने की योजना बनाई जिसके तहत पिछले कुछ महीनों से सम्मन व्हाट्सएप से तामील करवाए जा रहे हैं। ऐसे में बठिंडा राज्य का पहला जिला बना जहां सोशल मीडिया द्वारा सम्मन भेजे जा रहे हैं।
बठिंडा (विजय): बठिंडा पुलिस ने राज्य में सबसे पहले व्हाट्सएप द्वारा सम्मन भेजने की योजना बनाई जिसके तहत पिछले कुछ महीनों से सम्मन व्हाट्सएप से तामील करवाए जा रहे हैं। ऐसे में बठिंडा राज्य का पहला जिला बना जहां सोशल मीडिया द्वारा सम्मन भेजे जा रहे हैं। इस योजना की सफलता को देखते हुए राज्य भर में यह योजना लागू की जा सकती है। सम्मन भेजने के लिए पुलिस ने एक विशेष विंग बनाया जिसमें सम्मन भेजने के बाद जैसे ही ब्ल्यू टिक होगा तो समझा जाएगा कि सम्मन तामील हो चुके हैं।
जून, 2017 में सैशन जज ने दी थी मंजूरी
इस योजना को लेकर एस.एस.पी. बठिंडा ने जून, 2017 में सैशन जज बठिंडा को पत्र लिखकर सम्मन भेजने की मंजूरी प्राप्त की थी। एस.एस.पी. बठिंडा ने बताया कि जनवरी, 2018 में 1263 सम्मन भेजे गए थे जिनमें से 72 प्रतिशत गवाह व आरोपी अदालत में पेश हुए। फरवरी में यह आंकड़ा 1771 हुआ जिसमें से 1531 लोग पेश हुए। मार्च में 1637 सम्मन भेजे गए जिनमें 80 प्रतिशत सम्मन तामील करने वाले अदालत में पेश हुए। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष में बठिंडा पुलिस इस हाईटैक योजना के तहत लगभग 8 हजार सम्मन तामील करवा चुकी है।
पैसे व समय की होगी बचत
एस.एस.पी. नवीन सिंगला ने बताया कि सम्मन तामील करवाने की योजना से दोहरा लाभ होगा एक तो समय की बचत दूसरी पैसे की बचत साथ में मैनपावर की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि अपराधियों को सजा दिलाने में भी इस योजना का फायदा होगा। कई बार जब सम्मन तामील करवाने पुलिस कर्मी जाता है तो उसे जान-बूझकर सम्मन लेने से टरका दिया जाता है। ऐसे में कर्मी को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं।
इस योजना से मात्र एक मैसेज से ही सारी समस्या का हल होगा। कई बार ऐसा भी होता है कि पुलिस कर्मी का स्थानांतरण दूसरे शहर में हो जाता है तो उसे सम्मन तामील करवाने के लिए ड्यूटी छोड़कर आना पड़ता है जिससे समय व पैसे की बर्बादी होती है। अदालत के चक्करों से बचने वालों की भी अब खैर नहीं क्योंकि व्हाट्सएप के जरिए मिले सम्मन वैध माने जाएंगे।