ट्रैक पर नहीं छिपेगा कोई गलत काम, आर.टी.ए. की रहेगी नजर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 02:30 AM

no hidden work on the track rta will remain

पंजाब रोडवेज वर्कशॉप में बने आधुनिक ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर कोई भी गल्त काम अब नहीं छिपेगा और सारे काम पर आर.टी.ए. व अधिकारियों की पैनी नजर बनी रहेगी, क्योंकि कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले गलत कार्यों पर पैनी नजर बनाए रखने के लिए सैक्रेटरी...

जालंधर(अमित): पंजाब रोडवेज वर्कशॉप में बने आधुनिक ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर कोई भी गल्त काम अब नहीं छिपेगा और सारे काम पर आर.टी.ए. व अधिकारियों की पैनी नजर बनी रहेगी, क्योंकि कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले गलत कार्यों पर पैनी नजर बनाए रखने के लिए सैक्रेटरी आर.टी.ए. ने ट्रैक पर लगे सारे सी.सी.टी.वी. कैमरों को दोबारा से शुरू करवाने का फैसला लिया है, जिसके लिए मंगलवार को टैक्नीकल एक्सपर्ट्स की एक टीम ने ट्रैक पर जाकर वहां लगे हुए कैमरों की जांच-पड़ताल की ताकि जो कैमरे ठीक हैं उन्हें चालू किया जा सके और जो खराब हैं, उन्हें रिप्लेस किया जा सके। 

गौर हो कि ट्रैक पर काम करने वाले निजी कंपनी के स्टाफ के पर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं, जिसके कारण विभाग की काफी किरकिरी होती है और अधिकारियों की साख को भी गहरा धक्का लगता है। सैक्रेटरी आर.टी.ए. दरबारा सिंह का कहना है कि दफ्तर में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। ट्रैक पर रोजाना आने वाले एजैंटों पर नकेल डालने के लिए जल्दी ही सी.सी.टी.वी. कैमरे चालू करवाए जा रहे हैं। इन कैमरों का लिंक आर.टी.ए. दफ्तर और डी.सी. दफ्तर में भी दिया जाएगा, ताकि निजी कंपनी के स्टाफ की सही ढंग से रैगुलर मॉनीटरिंग की जा सके।

कैमरे कितने दिन काम करेंगे, कहना संभव नहीं
दोबारा से चालू करवाए जा रहे सी.सी.टी.वी. कैमरे कितने दिन काम करेंगे, इसको लेकर फिल्हाल कुछ भी कहना संभव नहीं है, क्योंकि ट्रैक बने डेढ़ साल से अधिक समय बीत चुका है और यहां पर कई महीने पहले तत्कालीन डी.टी.ओ. दमनजीत सिंह मान ने सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाए थे ताकि यहां होने वाली सारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। मगर कुछ ही दिनों में कैमरों ने काम करना बंद कर दिया था।

सूत्रों की मानें तो कैमरों को जानबूझकर खराब किया जाता है, ताकि कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे गल्त कामों की पोल न खुल सके। ट्रैक पर एजैंटों व निजी कारिंदों द्वारा सरेआम बिना किसी डर के अपने काम करवाए जाते हैं। मगर जब भी किसी के खिलाफ कार्रवाई की बात आती है, तो सबूत के अभाव का बहाना बनाकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। सी.सी.टी.वी. कैमरों के साथ स्टाफ पूरा समय निगरानी में रहता है और उनके द्वारा किए गए सारे काम रिकार्ड हो जाते हैं। जिसकी वजह से कर्मचारी कभी नहीं चाहते कि सी.सी.टी.वी. काम करें। 

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