Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2017 12:44 PM
पठानकोट के प्लेटफार्म नंबर 1 पर सिटी रेलवे स्टेशन से गुरु नगरी अमृतसर जाने वाली पैसेंजर रेलगाड़ी (नं. 54614) शंटिंग के दौरान ही हांफने लगी। हुआ यूं कि जब शंटिंग के लिए रेलगाड़ी के इंजन ने अपनी दैनिक व सामान्य प्रक्रिया शुरू की तथा यू-टर्न लेते हुए...
पठानकोट(शारदा, आदित्य): पठानकोट के प्लेटफार्म नंबर 1 पर सिटी रेलवे स्टेशन से गुरु नगरी अमृतसर जाने वाली पैसेंजर रेलगाड़ी (नं. 54614) शंटिंग के दौरान ही हांफने लगी। हुआ यूं कि जब शंटिंग के लिए रेलगाड़ी के इंजन ने अपनी दैनिक व सामान्य प्रक्रिया शुरू की तथा यू-टर्न लेते हुए ट्रैक पर पहले से खड़े विकलांग यात्रियों को लेकर पीछे खड़ी बोगियों से जोडने के लिए चला तो पॉवर फेल होने के कारण बीच में ही रुक गया।
इंजन की पॉवर उस समय फेल हुई जब विकलांग कोच जिसे रेलगाड़ी से जोड़ा जा रहा था, की अन्य बोगियों के बीच की दूरी महज 20 से 30 मीटर की शेष रह गई थी। इससे यहां यात्रियों को भारी परेशानियां पेश आईं वहीं विकलांग कोच को रेलगाड़ी की बाकी सामान्य बोगियों से जोडने के लिए रेलवे कर्मियों की नफरी काम न आकर वहां गुरदासपुर में होने वाले कैम्प की ओर जाने के लिए खड़े एन.सी.सी. कैडेट ‘बाहुबली’ बनकर आगे आए। कैडेटों ने बाजुओं के बल पर जोर लगाकर विकलांग कोच को अन्य बोगियों से जोड़कर ही दम लिया। हालांकि यह कार्य रेलवे विभाग के कर्मियों का था जिसे कैडेटों ने अपने बल पर अंजाम दिया। इसके बाद जाकर दुरुस्त इंजन लगने के पश्चात ही पैसेंजर रेलगाड़ी करीब सवा घंटा देरी से यानी 9 बजकर 20 मिनट पर गंतव्य तक रवाना हुई तथा यात्रियों ने राहत की सांस ली।