शहीद मुख्तयार सिंह को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, उमड़ा लोगों का जनसैलाब

Edited By Vaneet,Updated: 16 Jul, 2018 07:03 PM

naxalite attack in chhattisgarh martyr jawan last night with humble eyes

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में शहीद हुए गांव फत्तूवाला के मुख्तियार सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके गांव लाया गया। इस मौके पर क्षेत्र के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शहीद को ..

जलालाबाद/घुबाया(सेतिया,कुलवंत): जलालाबाद के गांव फत्तुवाला निवासी मुख्तयार सिंह, जोकि बीएसएफ की 114वीं बटालियन में जवान तैनात था, बीते दिनों वह बीएसएफ के जवानों के  साथ छत्तीसगढ़ के जिला प्रताप में एक गांव महिला कैंप में गश्त के दौरान नक्सिलियों की ओर से की गई गोलीबारी दौरान जवान मुख्तयार सिंह की गोली लगने के बाद मौत हो गई। सोमवार दोपहर बाद शहीद मुख्तयार का अंतिम संस्कार सरकारी सम्मानों के साथ उनके गांव फत्तुवाला में सलामी देकर किया गया।
PunjabKesariनम आंखों से दी विदायगी
शहीद मुख्तयार सिंह की अंतिम विदायगी मौके श्मशानघाट में जनसैलाब उमड़ गया और वहां पैर रखने के लिए जगह नहीं थी। शहीद की विलाप करती माता भगवान कौर, पत्नी मलकीत कौर, लड़का इंद्रजीत सिंह, लड़की जैसमीन के रोने से माहौल और गमगीन हो गया। श्मशानघाट में हर किसी व्यक्ति की आंखें नम दिखाई दे रही थी। शहीद मुख्तयार सिंह का बेटा इंद्रजीत सिंह 8वीं कक्षा व लड़की जैसमीन छठी कक्षा में पढ़ते हैं। 
PunjabKesariप्राप्त जानकारी के अनुसार शहीद मुख्तयार सिंह बाक्सिंग का बहुत बढिय़ा खिलाड़ी था और फौज में भी बॉक्सर के तौर पर माना जाता था। शहीद को अंतिम विदाई देने मौके अबोहर रेंज के डीआईजी पीके पंकज, पंजाब सरकार के नुमाइंदे व फाजिल्का के विधायक दविंदर सिंह घुबाया, एसडीएम पिरथी सिंह, डीएसपी अमरजीत सिंह सिद्धू, नायब तहसीलदार सुशील कुमार, एसएचओ भोला सिंह, सब इंस्पैक्टर प्रोमिला रानी, मलकीत सिंह हीरा, पूरन चंद मुजैदिया, जरनैल सिंह मुखीजा, कंवल धूडिय़ा के अलावा विभिन्न पार्टियों के पदाधिकारी, बीएसएफ के अधिकारी, पंजाब पुलिस के अधिकारियों की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

PunjabKesariशहीद मुख्तयार सिंह का कोठी में रहना नसीब नहीं था
शहीद मुख्तयार सिंह के  परिवार की ओर से शहर की दशमेश नगरी में रहने के लिए एक कोठी बनवाई थी, जिसका काम चल रहा था, लेकिन रिटायर्डमेंट के एक साल बाद शहीद मुख्तयार सिंह ने दशमेश नगरी में बनवाई कोठी में रहना था, लेकिन परमात्मा की ओर से अपने परिवार के साथ अपने नए घर में रहने से पहले ही शहीद हो गया। 
PunjabKesariमासूम बच्चों को पिता की कमी होगी महसूस
जिंदगी में बच्चों को माता-पिता का लाड-प्यार मिलता है, पर इन दोनों मासूल बच्चों इंद्रजीत सिंह व जैसमीन को पिता का प्यार तो मिला, लेकिन बहुत कम, क्योंकि मुख्तयार सिंह बीएसएफ में तैनात था और जब छुट्टी पर आता था, तो ही बच्चों को पिता का प्यार मिलता था और बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए ही उन्होंने जलालाबाद में अपनी रिहायश ले जाने के लिए पहले ही सोच लिया था कि बच्चों की पढ़ाई लिखाई रिटायर्डमेंट के बाद वह खुद देखेंगे, पर परमात्मा की अनहोनी ने बच्चों के सिर से बाप का साया उठा लिया।

PunjabKesariपत्नी का टूटा मुसीबतों का पहाड़
फौज में भर्ती होने केे बाद मुख्तयार सिंह का विवाह मलकीत कौर के साथ हुआ, जिसके  बाद उनके घर दो बच्चों ने जन्म लिया। इस दौरान पहले से ही मुख्तयार सिंह देश की सेवा के लिए अपनी पत्नी से दूर रह रहा था, लेकिन अब जब एक साल बाद उसने रिटायर्ड होकर अपने परिवार के साथ इक_े रहने का समय आया, तो मुख्तयार सिंह को मौत ने सदा के लिए पत्नी से छीन लिया और मुख्तयार सिंह की पत्नी पर मुुसीबतों का पहाड़ टूट गया।

PunjabKesari

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!