Edited By Vatika,Updated: 07 Jun, 2019 08:22 AM
लोकसभा चुनाव के बाद आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू को लेकर काफी गहमागहमी होती रही।
जालंधर(धवन): लोकसभा चुनाव के बाद आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू को लेकर काफी गहमागहमी होती रही। कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह के सामने लगभग आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों ने सिद्धू द्वारा लगातार की जा रही बयानबाजी को लेकर शिकायत की और कहा कि इससे पार्टी को नुक्सान पहुंच रहा है, इसलिए मुख्यमंत्री को सिद्धू को मंत्री पद से हटा देना चाहिए।
सरकारी हलकों से पता चला है कि जब कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के सामने उक्त मामला उठाया तो उस समय कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सभी मंत्रियों की बात को सुनते रहे। उन्होंने कहा कि वह उचित समय पर कार्रवाई अवश्य करेंगे परन्तु मुख्यमंत्री ने किसी को भी यह भनक नहीं लगने दी कि वह आज इतना बड़ा फेरबदल करने जा रहे हैं। दोपहर के बाद यह बात अवश्य निकली कि मुख्यमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल को सिद्धू का विभाग बदलने के लिए पत्र भेज दिया है परन्तु उस समय भी यह बात सामने नहीं आई कि अनेकों मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होगा।
गत रात्रि ही मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करने का मन बना लिया था। इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी फोन पर बातचीत कर ली थी ताकि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल का रास्ता आसान हो जाए। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी को कैप्टन ने सिद्धू के विभाग में महत्वपूर्ण फेरबदल करने के संकेत भी दे दिए थे। मुख्यमंत्री ने आज फेरबदल के समय सिद्धू को सबसे जबरदस्त सियासी झटका दिया है क्योंकि उन्हें बिजली विभाग दिया गया है। बिजली विभाग के बारे में कहा जाता है कि उसके तहत चाहे पंजाब पावर कार्पोरेशन व अन्य आती हैं परन्तु पावर कार्पोरेशन का चेयरमैन स्वयं में काफी ताकतवर होता है, जिसकी नियुक्ति मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है।