चड्ढा शूगर मिल कर रही थी शीरे का अवैध भंडारण

Edited By Sonia Goswami,Updated: 24 May, 2018 08:49 AM

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चड्ढा शूगर मिल से निकले जिस शीरे ने ब्यास नदी को प्रदूषित किया उस शीरे का शूगर मिल में अवैध तरीके से भंडारण किया जा रहा था।

चंडीगढ़  (अश्वनी): चड्ढा शूगर मिल से निकले जिस शीरे ने ब्यास नदी को प्रदूषित किया उस शीरे का शूगर मिल में अवैध तरीके से भंडारण किया जा रहा था। मिल प्रबंधन ने इसकी विभागीय मंजूरी तक नहीं ली थी। और तो और जिस टैंक में इस शीरे का भंडारण किया जा रहा था वह ईंटों से बना हुआ था जबकि इसका भंडारण स्टील के टैंक में किया जाना चाहिए था। 

 

हैरत की बात यह है कि मिल के टैंक में शीरे के भंडारण की जितनी क्षमता थी उससे कहीं ज्यादा शीरा टैंक में इक_ा कर दिया गया। यही वजह रही कि ईंटों से बना टैंक शीरे को संभाल नहीं पाया और टूट गया। नतीजतन गर्म शीरा बहते हुए ब्यास नदी में गिरने लगा जिसने हजारों मछलियों की जान लील ली। साथ ही ब्यास नदी की बायोडायवॢसटी को ध्वस्त कर दिया। ये सभी तथ्य पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में उजागर हुए हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर पंजाब सरकार ने चड्ढा शूगर  मिल  को  नोटिस  जारी  कर जवाब मांगते हुए कहा है कि क्यों न मिल प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। 


 

शूगर फैड व सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान 
इस मामले ने शूगर फैड व एक्साइज डिपार्टमैंट सहित कई सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब शूगर मिल के पास भंडारण की मंजूरी ही नहीं थी तो भंडारण कैसे किया जा रहा था? 
सवाल यह भी है कि शूगर फैड ने गन्ने की पिराई के बाद खबर क्यों नहीं ली कि शीरा कहां स्टोर किया जा रहा है? 

 

एक लाख किं्वटल शीरा किया स्टोर
रिपोर्ट में पाया गया है कि शूगर मिल में करीब एक लाख किं्वटल शीरे का भंडारण किया गया था। मिल के पास करीब 60 हजार किं्वटल भंडारण की ही क्षमता थी। इससे टैंक में अचानक रिएक्शन हुआ जिसने टैंक को तोड़ दिया और करीब 75 हजार किं्वटल शीरा बह गया। शुरूआती चरण में शीरे का रिसाव धीमा था लेकिन धारे-धीरे इसने रफ्तार पकड़ी और तेज बहाव की शक्ल अख्तियार करते हुए यह ब्यास नदी तक पहुंच गया।

 

शूगर मिल प्रबंधन नहीं देता था नोटिस का जवाब
पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की मानें तो शूगर मिल को कई बार पर्यावरण कानून के पालन संबंधी नोटिस जारी किए गए थे लेकिन शूगर मिल प्रबंधन ने नोटिस का जवाब तक देना उचित नहीं समझा। 
यहां तक कि शूगर मिल से निकलने वाली गंदगी का ठीक तरह से प्रबंधन तक नहीं किया जा रहा था।

 

मिल प्रबंधन को समय नहीं देने के मूड में है सरकार  
पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की मानें तो पंजाब सरकार चड्ढा शूगर मिल को समय देने के मूड में नहीं है इसलिए सरकार ने शूगर मिल को जल्द से जल्द जवाब देने को कहा है। 
संभावना जताई जा रही है कि मिल प्रबंधन  जवाब  के  लिए  कुछ  समय  मांग  सकता  है  लेकिन अधिकारियों का कहना है कि मिल प्रबंधन को समय नहीं दिया जाएगा और रिपोर्ट पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।

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