Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 10:59 AM
मोगा जिले के गांव फतेहगढ़ में स्थापित 1 एच.पी. कंपनी के पैट्रोल पम्प तथा जमीन के मालिक ने अपनी जमीन पर स्टे होने के बावजूद भी राजस्व विभाग के अधिकारियों पर कथित तौर पर इसकी आगे रजिस्ट्री किसी अन्य को करने का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों से इंसाफ की...
मोगा(पवन ग्रोवर): मोगा जिले के गांव फतेहगढ़ में स्थापित 1 एच.पी. कंपनी के पैट्रोल पम्प तथा जमीन के मालिक ने अपनी जमीन पर स्टे होने के बावजूद भी राजस्व विभाग के अधिकारियों पर कथित तौर पर इसकी आगे रजिस्ट्री किसी अन्य को करने का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों से इंसाफ की मांग की है।
प्रैस कांफ्रैंस दौरान धर्मेन्द्र सिंह निवासी संत नगर मोगा ने बताया कि उसके तथा उसके भाई जसविंद्र सिंह जस्सा ने 26 सितम्बर, 2008 को एक पैट्रोल पम्प तथा 3 कनाल 9 मरले जमीन राज वरिंद्र सिंह तथा गुरशरण कौर फरीदकोट से खरीदी थी, जिस पर उस समय राजस्व विभाग के रिकार्ड में कोई लोन नहीं था। इस पम्प पर ही हमने 2013 में लोन करवाया, जो अभी तक राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। उन्होंने कहा कि 2012 में पहले के मालिकों द्वारा हमारे नाम पर पम्प तबदील करने से इंकार करने पर हमने माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिस पर अदालत द्वारा पम्प तथा जमीन पर स्टे जारी किया गया।
श्री सिंह ने कहा कि अब हमें कुछ समय पहले पता चला है कि पम्प के पहले मालिकों द्वारा लोन लिया गया था, लेकिन वह हमारे द्वारा जमीन खरीदने समय रिकार्ड में दर्ज नहीं था। उन्होंने कहा कि अब स्टे के बावजूद भी गत 3 अगस्त को हमारी जमीन तथा पम्प की रजिस्ट्री हमें बिना पूछे ही बैंक द्वारा प्रवासी भारतीय कंवर जसराज सिंह तथा मनप्रीत कौर अमृतसर के नाम कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे द्वारा लिए गए लोन के रिकार्ड में जमीन दर्ज नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों से इस संबंधी पूछने पर उन्होंने एकाएक जवाब दिया कि यह रजिस्ट्री प्रशासनिक अधिकारियों के कथित दबाव के चलते की गई है।
श्री सिंह ने कहा कि इस रजिस्ट्री का इंतकाल रोकने के लिए एस.डी.एम. को लिखित शिकायत दी गई है। उन्होंने मांग की कि अगर मामले में इंसाफ न मिला तो मजबूरीवश उन्हें संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।
क्या कहना है धर्मकोट के तहसीलदार का
इस मामले संबंधी जब तहसीलदार धर्मकोट जरनैल सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पहले 2012 में बैंक ने जगह का कब्जा लिया था। अब बैंक द्वारा सेल सर्टीफिकेट जारी करने के उपरांत ही रजिस्ट्री की गई है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई है तथा इस मामले में किसी का कोई दबाव नहीं है। पहले जमीन पर लोन होने के बावजूद रजिस्ट्री कैसे की गई, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उस समय दूसरे तहसीलदार तैनात थे। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इंतकाल रोकने का आवेदन आया है तथा इंतकाल रोका जा रहा है।