मोदी की स्वच्छ भारत योजना को अकाली-भाजपा सरकार में नहीं मिला प्रोत्साहन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Apr, 2018 08:41 AM

modi s swachh bharat scheme does not get incentive in akali bjp government

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन चला कर देश भर में स्वच्छता की तरफ कदम बढ़ाया। मोदी के इस अभियान की बड़े स्तर पर तारीफ हुई जिसे लेकर भाजपा ने देश भर में प्रचार भी किया। भाजपा के...

जालंधर (पाहवा): भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन चला कर देश भर में स्वच्छता की तरफ कदम बढ़ाया। मोदी के इस अभियान की बड़े स्तर पर तारीफ हुई जिसे लेकर भाजपा ने देश भर में प्रचार भी किया। भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से लेकर जिला स्तर के नेताओं ने स्वच्छ भारत मिशन को लेकर अपने-अपने स्तर पर पूरा अभियान चलाया। दिलचस्प है कि यह अभियान पंजाब में भी चला तथा भाजपा के नेताओं ने इस अभियान में अपना खूब योगदान दिया।

भाजपा के नेता बेचारे झाड़ू उठा-उठा कर सफाई करते दिखे लेकिन पंजाब में अकाली दल के साथ सरकार चला रहे भाजपा के नेताओं ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जिस कारण यह अभियान पंजाब में धराशायी हो गया। यह बात भाजपा के लोगों को पढऩे में कुछ कड़वी लगी होगी लेकिन यह हम नहीं कह रहे बल्कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग की एक रिपोर्ट में जाहिर हुआ है। 

49 प्रतिशत राशि ही हुई जारी
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 से 2017 तक पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार के समय में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के लिए 37.33 करोड़ रुपए रखे गए थे लेकिन इसमें से तकरीबन 49 प्रतिशत जोकि करीब 18 करोड़ रुपए बनते हैं, ही जारी किए गए। पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट कम्पनी ने मार्च 2017 तक 163 शहरी स्थानीय निकायों को यह राशि जारी की थी। और तो और जब अकाली दल के साथ भाजपा सत्ता में थी तथा भाजपा के पास ही स्थानीय निकाय विभाग था, उस समय भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत किसी भी अधिकारी को तैनात नहीं किया गया जो इस प्रोजैक्ट पर नजर रख सके। खासकर कार्पोरेट-सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सी.एस.आर.) के शौचालय बनाए जाने की देखरेख के लिए भी किसी अधिकारी को तैनात नहीं किया गया। 

फंड होने के बावजूद 83 प्रतिशत घरों में शौचालय बनाने बाकी
रिपोर्ट में कहा गया है कि मिशन के तहत 2 अक्तूबर 2019 तक शहरों तथा 31 दिसम्बर 2017 तक ग्रामीण क्षेत्रों को गंदगी मुक्त किया जाना था। फंड होने के बावजूद पंजाब में 83 प्रतिशत घरों में शौचालय, 1146 पब्लिक शौचालय बनाए जाने बाकी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लक्ष्य के अनुसार काम नहीं हो रहा है इसलिए समय पर राज्य का गंदगी मुक्त होना संभव नहीं है। कैग ने मई 2017 में इस संबंध में राज्य सरकार को खामियां गिनाते हुए रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन नवम्बर 2017 तक सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2017 तक 20 में से 18 हजार के करीब शौचालयों का मई 2017 तक निर्माण करने वाले लोगों को दूसरी किस्त के तौर पर 3333 रुपए प्रति व्यक्ति भी नहीं दिए गए हैं जोकि 6.22 करोड़ रुपए बनते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य की तरफ से जो केंद्र को उपयोग प्रमाण पत्र भेजे गए हैं, वे भी नियमों के अनुसार नहीं हैं। 

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