Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 11:35 AM
गत 4 दशक से राज्य के ग्रामीण इलाकों में बेहतर ट्रांसपोर्ट सेवाएं दे रहे मिनी बस आप्रेटरों ने इस कारोबार के साथ जुड़े लाखों लोगों के रोजगार को बचाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
मोगा(ग्रोवर): गत 4 दशक से राज्य के ग्रामीण इलाकों में बेहतर ट्रांसपोर्ट सेवाएं दे रहे मिनी बस आप्रेटरों ने इस कारोबार के साथ जुड़े लाखों लोगों के रोजगार को बचाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह बात मिनी बस आप्रेटर्ज एसो. पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष जसबिन्द्र सिंह ग्रेवाल ने आज कामरेड नछत्तर सिंह भवन में राज्य भर से आए मिनी बस आप्रेटरों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार अदालत में उनके द्वारा अपनी हौंद बचाने के लिए लड़ी लड़ाई में अपना पूरा साथ दे तो पंजाब के लाखों लोगों को बेरोजगार होने से बचाया जा सकता है। ग्रेवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने चुनाव से पहले तथा सरकार बनने के बाद भी हुई मुलाकातों में एसो. के नेताओं को भरोसा दिया था कि वह इस कारोबार को हर हालत में बचाएंगे लेकिन एसो. को उस समय हैरानी हुई, जब माननीय सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकीलों ने मिनी बस आप्रेटरों को राहत दिलाने की बजाय इसके विपरीत बात की।
उन्होंने सरकार से मांग की कि वह मौजूदा मिनी बस परमिटधारियों को माननीय उच्च अदालत से पुनर्वास स्कीम के तहत राहत दिलाने के लिए केस की पैरवी ठोस तरीके से करे। प्रदेश नेता महासचिव त्रिलोक सिंह बटाला, चेयरमैन बलविन्द्र सिंह बहला, प्रैस सचिव सुरिन्द्र सिंह, जग्गा सिंह मोगा, दलजीत सिंह लाडी गुरदासपुर तथा हरबंस सिंह मोगा ने कहा कि राज्य भर में मिनी बस आप्रेटर 1980 से पंजाब के ग्रामीण इलाकों में लगातार बढिय़ा सफर सहूलियतें दे रहे हैं।
चाहे पिछले कुछ सालों से लोगों में अपने निजी वाहनों पर सफर करने का रुझान बढ़ गया है, जिस कारण सवारी कम हो गई है लेकिन फिर भी हमारे आप्रेटर बिना शिकायत अपने-अपने रूटों पर बढिय़ा सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह राज्य में चल रही मिनी बस ट्रांसपोर्ट उद्योग जिस द्वारा लंबे समय से लाखों लोग रोजगार पर लगे हैं, को बचाने के लिए गंभीरता से विचार करने के लिए एसो. के पदाधिकारियों से बातचीत करे।