Edited By Updated: 28 Mar, 2017 09:28 AM
जम्मू-कश्मीर में श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले शिवभक्त फिर परेशान नजर आ रहे हैं कि क्या इस बार भी आतंक के साए में यात्रा करनी
गोराया(छाबड़ा, गुलशन): जम्मू-कश्मीर में श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले शिवभक्त फिर परेशान नजर आ रहे हैं कि क्या इस बार भी आतंक के साए में यात्रा करनी पड़ेगी। गत वर्ष श्री अमरनाथ यात्रा के प्रारम्भ में ही सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुरहान वानी नामक आतंकवादी मारा गया था, जिसके बाद ऐसी ङ्क्षहसा घाटी में भड़की की कि श्री अमरनाथ यात्रा को कई बार रोकना पड़ा, क्योंकि आतंकवादियों के समर्थक अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले शिवभक्तों पर पत्थर बरसाते थे। इससे यात्रा पर इतना प्रभाव पड़ा कि पिछले 15 वर्षों में सबसे कम शिवभक्त ही यात्रा पर जा सके। इस वर्ष 29 जून से 7 अगस्त तक श्री अमरनाथ यात्रा चलाने की श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अनुमति प्रदान की है।
इस बार भी श्री अमरनाथ यात्रा आतंकवादियों के निशाने पर है। घाटी में लोक सभा का उप-चुनाव होना है। कश्मीर के लोगों को आतंकवादियों ने उप-चुनाव का बहिष्कार करने हेतु उकसाना शुरू कर दिया है। इस संबंध में पंजाब केसरी से बातचीत करते भाजपा नेता सुरेन्द्र कालिया उपप्रधान नगर कौंसिल गोराया, शिव शक्ति सेवा मंडल शाखा गोराया के प्रधान अशोक पांडे, मनोहर लाल कालड़ा, अशोक गुगनानी ने कहा कि श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर शिवभक्त बहुत उत्साहित हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य अपने ईष्ट के दर्शन करना होता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री राज नाथ सिंह को श्री अमरनाथ यात्रा को सेना के हवाले कर देना चाहिए, जिससे आतंकवादी श्री अमरनाथ यात्रा को बाधित न कर पाएं। भारतीय सेना को आतंकवादियों से निपटने के लिए हर प्रकार की खुली छूट दे दी जानी चाहिए। इससे जहां प्रदेश का माहौल शांतमय बनेगा, वहीं ज्यादा से ज्यादा लोग धरती के स्वर्ग पर निर्भय होकर उसकी खूबसूरती को निहार सकेंगे। क्या केन्द्रीय गृह मंत्री इस ओर ध्यान देकर शिवभक्तों को भयमुक्त माहौल प्रदान करने का प्रयास करेंगे या फिर इस बार भी आतंक के साए में सम्पन्न होगी श्री अमरनाथ यात्रा?