Edited By Vatika,Updated: 28 Sep, 2018 10:18 AM
ऑनलाइन फार्मेसी के बढ़ते चलन से आहत दवा विक्रेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ऑर्गेनाइजेशन शुक्रवार को राष्ट्रीय स्तर पर दवा दुकानों को बंद रखने का ऐलान किया है।
चंडीगढ़: ऑनलाइन फार्मेसी के बढ़ते चलन से आहत दवा विक्रेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ऑर्गेनाइजेशन शुक्रवार को राष्ट्रीय स्तर पर दवा दुकानों को बंद रखने का ऐलान किया है।
संगठन के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने बताया कि ऑनलाइन फार्मेसी पूरी तरह व्यापार का जरिया बन चुका है। जबकि स्वास्थ्य व्यापार का केंद्र नहीं हो सकता। इसके बाद भी ऑनलाइन फार्मेसी संचालित करने वाले बेरोकटोक कारोबार कर रहे हैं। इससे दवाइयों के दुरुपयोग के जोखिम को हवा मिलेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल ऑनलाइन फार्मेसी का कारोबार अवैध तरीके से चल रहा है।
वहीं प्रशासन इसके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बना हुआ है। देश में इस वक्त लगभग 8 लाख दवा विक्रेता मौजूद हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया शहरों में तेजी से विकसित हो रही है। इसका खामियाजा सीधे तौर पर दवा विक्रेताओं को उठाना पड़ेगा। संगठन ने सरकार से ऑनलाइन दवा बेचने की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है। शुक्रवार को 12 हजार से अधिक दवा दुकानदार जंतर-मंतर पर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ऑनलाइन केमिस्ट उठाएंगे फायदा
दवा विक्रेताओं की एक दिवसीय हड़ताल को ऑनलाइन केमिस्टों ने भी लाभ का जरिया बनाने की तैयारी कर ली है। पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन केमिस्टों की ओर से लोगों को मैसेज और मेल के जरिए बंद के दौरान ऑनलाइन दवा खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लोगों की सुविधा के लिए ऑनलाइन विक्रेताओं ने बाकायदा अपना मोबाइल नंबर भी साझा किया है।