Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 01:55 PM
जिस लोधी के शासन की वजह से लुधियाना का पुराना नाम लोधीयाणा हुआ था। उससे जुड़ी एकमात्र पहचान यानी लोधी के किले को संवारने की याद आखिर सरकार को आ गई है। जिसके तहत यह प्रोजैक्ट स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल करने की तैयारी शुरू हो गई है। इतिहास के...
लुधियाना(हितेश): जिस लोधी के शासन की वजह से लुधियाना का पुराना नाम लोधीयाणा हुआ था। उससे जुड़ी एकमात्र पहचान यानी लोधी के किले को संवारने की याद आखिर सरकार को आ गई है। जिसके तहत यह प्रोजैक्ट स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल करने की तैयारी शुरू हो गई है। इतिहास के जानकारों की माने तो लुधियाना का वजूद 600 साल पुराना है। जहां लोधी के शासन के दौरान किला भी बनाया गया।
जो दरेसी के समीप स्थित है। लेकिन उसकी संभाल न होने कारण वो अब खंडहर में तबदील हो चुका है और वहां लोगों ने काफी कब्जे भी कर लिए हैं। फिर भी इस एरिया को किला मोहल्ला के नाम से जाना जाता है। जहां सरकार द्वारा इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी बनाया गया, लेकिन किले के रख-रखाव की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।इसी बीच निगम प्रशासन के ध्यान में आया है कि लुधियाना को स्मार्ट सिटी बनाने की मुहिम के तहत इस शहर की विरासत को भी संवारा जाए।
जिसके लिए बकायदा आगरा में हैरीटेज का काम करने वाली कंपनी की सेवाएं ली जाएंगी। उसे किले को री-डिवैल्प करने की योजना बनाने के लिए कहा गया है। इसके लिए केन्द्र से फंड मिलने की उम्मीद है। उस पैसे से पार्क विकसित करने, लाइट एंड साऊंड शो करवाने व मूर्तियां लगाने का काम किया जाएगा।