Edited By Kamini,Updated: 06 Feb, 2025 01:45 PM
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को वापस भेजने के निर्णय के तहत 30 पंजाबियों सहित 104 भारतीय नागरिक कल अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे।
पंजाब डेस्क : अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को वापस भेजने के निर्णय के तहत 30 पंजाबियों सहित 104 भारतीय नागरिक कल अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। जिसमें 21 वर्षीय मुस्कान भी शामिल थी, जो एक साल पहले जगराओं से इंग्लैंड पढ़ाई करने गई थी और 10 दिन पहले ही डंकी लगाकर अमेरिका पहुंची थी, इसी बीच वहां की पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया थी। इसके बाद अमेरिकी सरकार ने गैर कानूनी अप्रवासियों को डिपोर्ट कर दिया और उन्हें सैन्य विमान के जरिए वापस भेज दिया। पिता को भी दोपहर तक अपनी बेटी के डिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। शाम 5 बजे अमृतसर से रिश्तेदारों ने सबसे पहले उन्हें और फिर उनकी बेटी को इसकी जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार जगराओं के प्रताप नगर मोहल्ला निवासी जगदीश कुमार ढाबा चलाते हैं। उनके मुताबिक 13 महीने पहले उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेजा था। एक महीने पहले बेटी ने अपने ग्रुप के साथ गधे पर सवार होकर अमेरिका जाने का फैसला किया। 25 जनवरी को जैसे ही वह अमेरिकी सीमा पर पहुंची, उसे हिरासत में ले लिया गया और अन्य अवैध आप्रवासियों के साथ निर्वासित कर दिया गया। जगदीश कुमार के अनुसार उनकी बेटी का फोन 25 जनवरी से बंद है। बुधवार दोपहर तक वे मुस्कान से संपर्क नहीं कर पाए थे। उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनकी बेटी अमेरिका द्वारा निर्वासित आप्रवासियों में शामिल है। शाम करीब चार बजे एक रिश्तेदार ने खबर सुनकर फोन किया।
पीड़ित पिता ने बताया कि फोन आने के बाद भी वे अमृतसर एयरपोर्ट नहीं गए, क्योंकि उन्हें कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी। फिर शाम 5 बजे उनकी बेटी ने फोन करके खुद बताया कि वे अमृतसर एयरपोर्ट पहुंच गई हैं। जगदीश कुमार ने बताया कि एक साल और एक महीने पहले उन्होंने 18 लाख रुपये का कर्ज लिया और अपनी बेटी को उज्ज्वल भविष्य के लिए इंग्लैंड में पढ़ने के लिए भेजा। इसके बाद वह धीरे-धीरे कर्ज को चुका रहे थे, लेकिन उनकी बेटी के देश से निकाल दिए जाने से उनके सारे सपने चकनाचूर हो गए।
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