Edited By Kamini,Updated: 13 May, 2024 01:54 PM
लुधियाना से बीजेपी उम्मीदवार रवनीत बिट्टू को लेकर अहम खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि रवनीत बिट्टू की एनओसी में हुई देरी को लेकर नगर निगम ने कार्रवाई की है।
लुधियाना (हितेश) : लुधियाना से बीजेपी उम्मीदवार रवनीत बिट्टू को लेकर अहम खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि रवनीत बिट्टू की एनओसी में हुई देरी को लेकर नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है। रवनीत बिट्टू द्वारा बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र भरने से पहले नगर निगम द्वारा उनसे पिछला बकाया होने के चलते एनओसी मांगी गई थी। एनओसी समय पर न मिलने के चलते रवनीत बिट्टू ने चुनाव आयोग को शिकायत दी गई, क्योंकि चुनाव आयोग ने किसी भी उम्मीदवार को नामाकंन पत्र भरने से पहले जो एनओसी चाहिए उसके लिए 48 घंटे का समय तय किया हुआ है। रवनीत बिट्टू ने कहा कि उन्हें 48 घंटे में एनओसी नहीं मिली जिसके चलते उन्हें नामांकन पत्र भरने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा नगर निगम से रिपोर्ट मांगी गई। वहीं इस संबंध में नगर निगम द्वारा एक कर्मचारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है। गौरतलब है कि कार्रवाई रवनीत बिट्टू को नामांकन पत्र भरने के लिए मांगी गई एनओसी जारी करने में हुई देरी के आरोप में गई है। बता दें नगर निगम द्वारा एम.पी. रवनीत बिट्टू से सरकारी कोठी का किराया वसूलने की शिकायत चुनाव आयोग में पहुंच गई है, जिसे लेकर सी.ई.ओ. द्वारा लोकल बाडीज विभाग से रिपोर्ट मांगी गई। यहां बताना उचित होगा कि बिटटु द्वारा लोकसभा चुनावों के दौरान लुधियाना से भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने से पहले चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक नगर निगम से एन.ओ.सी. लेने के लिए अप्लाई किया था, क्योंकि बिटटु को रोज गार्डन के नजदीक स्थित नगर निगम की कोठी मिली हुई है।
आवेदन की स्क्रुटिनी के दौरान यह बात सामने आई कि डी.सी. आफिस या नगर निगम द्वारा अब तक औपचारिक तौर पर कोठी की अलाटमेंट ही नहीं की गई थी। जिसके मद्देनजर पी.डब्ल्यू.डी. विभाग के जरिए किराए की असेसमेंट करवाने के बाद नगर निगम द्वारा पेनलटी के साथ 1.83 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया गया। हालांकि बिटटु ने यह रकम जमा करवाने के बाद एन.ओ.सी. हासिल कर ली है, लेकिन साथ ही उनके द्वारा नगर निगम अफसरों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी, जिसमें चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक 48 घंटे के भीतर एन.ओ.सी. जारी न करके नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में रुकावट डालने का आरोप लगाया।