Edited By Mohit,Updated: 16 Apr, 2019 07:48 PM
सियासी समीकरणों का बिगड़ना और बनना तो आपने सुना ही होगा, लेकिन इस लोकसभा में दो ऐसे रोचक किस्से सामने आए हैं कि सियासत के चक्कर में पारिवारिक समीकरण ही बिगड़ गए हैं।
जांलधर (अतुल शर्मा): सियासी समीकरणों का बिगड़ना और बनना तो आपने सुना ही होगा, लेकिन इस लोकसभा में दो ऐसे रोचक किस्से सामने आए हैं कि सियासत के चक्कर में पारिवारिक समीकरण ही बिगड़ गए हैं। पहले यहां आपको बताते हैं इसकी शुरूआत हुई अकाली दल से। संगरूर लोकसभा हलके से अकाली दल की तरफ से विधायक परमिन्दर ढींडसा को मैदान में उतारा गया। इससे पहले उनके पिता राज्यसभा मैंबर सुखदेव ढींढसा भी अकाली दल से ही इस हलके से चुनाव जीत कर केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
पार्टी के साथ बेअदबी मामलों में पार्टी की कारगुजारी को लेकर उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली है। हालांकि उन्हें पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए भी कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। पार्टी ने उनके विधायक बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा को टिकट दिया तो पिता ने इसका पूरजोर विरोध किया। वह अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार के लिए बिलकुल मुकर चुके हैं।
बहरहाल यह तो एक ही पार्टी के भीतर का मसला है। दूसरा आपको बता रहे हैं कि पति कांग्रेस सांसद है और पत्नी को आम आदमी पार्टी ने टिकट दे दिया। बात कर रहे हैं राज्यसभा मैंबर और कांग्रेस नेता दूलो राम की जो पार्टी से लंबे समय से काफी नाराज चल रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे शमशेर दूलो की पत्नी हरबंस कौर मंगलवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई।
पार्टी ने उन्हें फतेहगढ़ साहिब से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। अब पत्नी आम आदमी पार्टी में और पति कांग्रेस के राज सभा मैंबर हरबंस कौर का कहना है कि क्यूंकि उन के पति किसी ओर पार्टी में हैं इस लिए वह झाड़ू का प्रचार नहीं करेंगे।