चुनाव चलेंगे 2 महीने, उद्योगों में रहेगा मंदी का दौर

Edited By Anjna,Updated: 25 Mar, 2019 09:11 AM

loksabha election 2019

देश में लोकसभा चुनावों का ऐलान चुनाव आयोग द्वारा किया जा चुका है। देश की जनता का ध्यान अब अन्य कामों से हट कर चुनावों की तरफ हो गया है।

जालंधर (धवन): देश में लोकसभा चुनावों का ऐलान चुनाव आयोग द्वारा किया जा चुका है। देश की जनता का ध्यान अब अन्य कामों से हट कर चुनावों की तरफ हो गया है। देश में अगले 2 महीने तक सरकारी कामकाज भी एक प्रकार से रुका रहेगा। केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद ही आर्थिक गतिविधियों में पुन: तेजी आनी शुरू होगी। तब तक देश में न तो नई नीतियां बन सकेंगी और न ही मौजूदा नीतियों पर अमल का दौर चलेगा। देश के औद्योगिक विकास में योगदान डालने वाले प्रमुख निर्यातकों व उद्यमियों के साथ नई सरकार के गठन से संबंधित बातचीत की गई जिनके विचार आर्थिक व औद्योगिक दृष्टिकोण को लेकर निम्रलिखित थे-

नई सरकार डॉलर व कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव रोके: सुरेश शर्मा  
एच.आर. इंटरनैशनल ग्रुप के चेयरमैन सुरेश शर्मा ने कहा कि केंद्र में बनने वाली नई सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता डालर तथा कच्चे माल की कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव रोकने की तरफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह यूरोप तथा अमरीका का दौरा करके लौटे हैं तथा उन्होंने देखा है कि विश्व में भारत के लिए आर्डरों की कमी नहीं हैं परन्तु सबसे दुखद पहलू यह है कि जब निर्यातक विदेशों से आर्डर लेकर वापस लौटते हैं तो उस समय तक डालर में भारी उतार-चढ़ाव आ गया होता है। इसी तरह से कच्चे माल की कीमतें भी बढ़ गई होती हैं जिससे यह अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है कि वे किस उत्पादन लागत के हिसाब से अपना माल विदेशों को भेजें।

समस्त उद्योग जगत में आॢथक गतिविधियां ठप्प रहेंगी: विनोद घई  
यूनिक ग्रुप के चेयरमैन विनोद घई ने कहा है कि चुनावों के कारण अप्रैल तथा मई महीने में आॢथक गतिविधियां उद्योग जगत में ठप्प ही रहने वाली हैं क्योंकि इन 2 महीनों में न तो नए आर्डर उद्योगों के पास आते हैं और न ही आॢथक क्रियाएं चल पाती हैं। चुनावों का दौर 2 महीने का है तथा ऐसी स्थिति में उद्योगों को भी केंद्र में बनने वाली नई सरकार का इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग चुनावों की अवधि थोड़ी छोटी कर देता तो बेहतर होता क्योंकि 2 महीने मंदी के दौर से उद्योगों को गुजरना पड़ेगा। केंद्र सरकार स्तर पर भी कोई नीतिगत फैसले नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि पहले ही उद्योगों को पिछले 4 वर्षों में काफी कुछ सहन करना पड़ा है। अब अगले 2 महीने तक मंदी की और मार झेलनी पड़ेगी।  

ब्याज दरें अब घटनी चाहिएं: अश्विनी विक्टर  
विक्टर टूल्स के डायरैक्टर अश्विनी कुमार विक्टर ने कहा है कि अब चुनावों के बाद केंद्र में बनने वाली नई सरकार को ब्याज दरों को घटाने की तरफ ध्यान देना चाहिए क्योंकि इससे ही इंडस्ट्री को सस्ता पैसा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में सुधारों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बैंकों को इस तरह से नीतियां बनानी होंगी ताकि वे अधिक से अधिक इंडस्ट्री को सहयोग दे सकें क्योंकि जब तक इंडस्ट्री को आसानी से पैसा उपलब्ध नहीं होगा तब तक वह ग्रोथ की तरफ अग्रसर नहीं हो सकेगी।

स्टील की कीमतों में स्थिरता आए: सुदर्शन शर्मा  
एच.आर. इंटरनैशनल ग्रुप के प्रमुख निर्यातक सुदर्शन शर्मा ने कहा कि केंद्र में बनने वाली नई सरकार को सबसे पहले स्टील की कीमतों पर नियंत्रण पाने की तरफ ध्यान देना चाहिए क्योंकि स्टील की कीमतों में पिछले एक वर्ष के दौरान भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि स्टील की कीमतों में बढ़ौतरी के कारण उत्पादन लागत में बढ़ौतरी हो जाती है जिसका सारा बोझ अंतत: उद्यमियों व निर्यातकों पर पड़ता है इसलिए जरूरी है कि स्टील व कच्चे माल की कीमतों में स्थिरता रहनी चाहिए। यह भी जरूरी है कि इस दिशा में भारत सरकार को दखल देना होगा क्योंकि उसके बिना कच्चे माल की कीमतें स्थिर नहीं रह सकती हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!