राजनीतिक महारथियों को परेशान कर रही वोटरों की चुप्पी

Edited By swetha,Updated: 16 May, 2019 01:06 PM

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राजनीतिक महारथियों को परेशान कर रही वोटरों की चुप्पी लोकसभा चुनावों के प्रचार हेतु कुछ दिनों का समय रह जाने से भले ही प्रत्याशियों की ओर से किया जा रहा चुनाव प्रचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है।

गुरदासपुर(हरमनप्रीत):  लोकसभा चुनावों के प्रचार हेतु कुछ दिनों का समय रह जाने से भले ही प्रत्याशियों की ओर से किया जा रहा चुनाव प्रचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है।

अब विभिन्न पार्टियों ने चुनाव प्रचार को बड़ा समर्थन देने के लिए स्टार प्रचारकों को बुलाकर रोड शो और बड़ी रैलियां करने का सिलसिला आरंभ कर दिया है, लेकिन दूसरी तरफ विभिन्न स्थानों पर वोटरों की चुप्पी ने न सिर्फ प्रत्याशियों को परेशान किया हुआ है, बल्कि इससे बड़े-बड़े राजनीतिक महारथी भी प्रत्याशियों की जीत-हार संबंधी अपने अनुमान लगाने से असमर्थ नजर आ रहे हैं। इसके चलते स्थिति यह बनी हुई है कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में चुनाव प्रचार के साथ-साथ राजसी नेताओं की ओर से वोटरों के रुझान की जानकारी लेने के लिए हर तरह का हथकंडा अपनाया जाने लगा है, ताकि वोटरों का रुझान देखकर रातनीति में बदलाव किया जा सके, मगर अधिकतर लोग अपने पत्ते नहीं खोल रहे। 

एक-दूसरे को पराजित करने के लिए हो रही कोशिश
इन चुनावों के दौरान बड़ी बात यह देखने को मिल रही है कि अधिकतर प्रत्याशियों और उनके पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे नेताओं द्वारा एक-दूसरे को पराजित करने की हर कोशिश की जा रही है जिसके तहत कांग्रेस का पूरा जोर केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रचार करने में लगा हुआ है और साथ ही कांग्रेसी नेता पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार की पिछली कारगुजारी, बेअदबी और माफिया राज को मुद्दा बनाकर सवाल पूछ रहे हैं, मगर दूसरी तरफ अकाली दल और भाजपा की ओर से पंजाब में कांग्रेस सरकार की वायदा खिलाफी को मुद्दा बनाकर किसानों, मजदूरों, मुलाजिमों और नौजवानों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

नाराज और निराश लोग निकाल रहे भड़ास
गांवों में आम वोटर तो पूरी तरह से चुप हैं, जिनमें से कई लोग केंद्र सरकार से परेशान हैं और कई पंजाब सरकार से संतुष्ट दिखाई नहीं दे रहे, मगर बहुत से लोग इस मामले में बिल्कुल बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, जो लोग राज्य सरकार से खासे परेशान हैं, वह सरकार के खिलाफ नाराजगी और निराशा जाहिर करने से कोई संकोच नहीं कर रहे हैं, जिनमें कर्मचारी संगठन जनतक तौर पर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं, वहीं कई किसान, मजदूर व अन्य संगठन राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के खिलाफ भी लगातार भड़ास निकाल रहे हैं।

चुनाव मैनीफैस्टो से अनजान हैं बहुत से लोग
इस संबंधी अनेक लोगों के साथ बातचीत करने पर यह बात सामने आई है कि गांवों, शहरों में रहते बहुत से आम लोगों को प्रमुख पाॢटयों द्वारा जारी किए गए चुनाव मैनीफैस्टो संबंधी कोई जानकारी नहीं है। यहां तक इन लोगों को यह भी पता नहीं कि कौन-सी पार्टी भविष्य में कौन-सा एजैंडा लेकर लोगों की कचहरी में जा रही है। कुछ चुङ्क्षनदा नेताओं ने सिर्फ इतना बताया कि विभिन्न साधनों के जरिए उन्हें केंद्र सरकार, पंजाब सरकार की ओर से पिछले समय के दौरान किए वायदों के बारे में पता चला है। विशेष कर जो चुनाव वायदे पूरे नहीं हो सके, उन्हें इस संबंधी विरोधी पक्षों द्वारा किए गए प्रचार के कारण थोड़ी बहुत जानकारी है, मगर नया चुनाव मैनीफैस्टो कब जारी हुआ और उसमें क्या-क्या वायदे किए गए हैं, उनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं।

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