Edited By Urmila,Updated: 07 Nov, 2022 10:33 AM

अमृतसर में गत दिवस हिंदू नेता सुधीर सूरी की दिन-दिहाड़े गोलियां मारकर कत्ल की घटित हुई घटना के बाद पंजाब में दो प्रमुख धर्मों व वर्गों में एक नई तरह की तकरारबाजी शुरू हो गई है
लुधियाना (स्याल): अमृतसर में गत दिवस हिंदू नेता सुधीर सूरी की दिन-दिहाड़े गोलियां मारकर कत्ल की घटित हुई घटना के बाद पंजाब में दो प्रमुख धर्मों व वर्गों में एक नई तरह की तकरारबाजी शुरू हो गई है और इससे पंजाब में लॉ एंड आर्डर की स्थिति खराब होने की स्थिति सामने आ गई है। इस पर आज विभिन्न प्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त करते हुए इसे भविष्य के माहौल के लिए ठीक नहीं बताया है।
पंजाब में हिंदूओं की सुरक्षा खतरे में: महंत पुरी
संगला शिवाला के महंत नारायण पुरी ने कहा कि इस घटना ने 90 के दशक को याद करवा दिया है, तब भी पंजाब केसरी ग्रुप के संस्थापक लाला जगत नारायण की हत्या के साथ ही पंजाब में काले दौर की शुरूआत हुई थी, बाद में कई हिंदुओं को इसमें अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ी थी। आज फिर से पंजाब उसी दहलीज खड़ृा हुआ है, इस पर केन्द्र सरकार को तुरंत उचित कदम उठाने चाहिए।
सी.एम. भगवंत मान को नहीं पंजाब की फिक्र
शिवसेना हिंदोस्तान इंडस्ट्री सैल के पंजाब प्रधान बॉबी मित्तल ने कहा कि पंजाब की आप सरकार पंजाब में लॉ एंड आर्डर को काबू रखने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के सी.एम. भगवंत मान को पंजाब की कोई फिक्र नहीं, बल्कि वो सिर्फ आप की सरकारें अन्य राज्यों में गठित करने के लिए जोर लगा रहे हैं।
पंजाब में माहौल खराब है: डावर
लुधियाना सैंट्रल से पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेन्द्र डावर ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने लोगों को गुमराह करके सरकार बनाई है, जिसके अब परिणाम सामने आने लगे हैं। यह घटना बेहद निंदनीय है और इससे साफ होता है कि पंजाब के आपसी भाईचारे को आग लगाई जा रही है।
लुधियाना में विभिन्न चर्चाएं, पंजाब में सत्ताधारी से नाराज हो सकती हैं हिंदू वोट
पंजाब में अमृतसर में हुई गत दिवस शिवसेना हिंदोस्तान के प्रमुख सुधीर सूरी की दिन दिहाड़े गोलियां मारकर हुई हत्या ने पंजाब में आज विभिन्न तरह की चर्चाओं को जन्म दिया है, एक बार फिर से पंजाब में हिंदू-सिख एकता पर ऐसी काली आंधी छाई है, जिसको छंटने में काफी दिन लगने वाले हैं। पर आज जो हिंदू बाहुल्य क्षेत्र लुधियाना में व्यापारियों व आम वासियों में चर्चा छाई रही कि अगर फिर से पंजाब में आतंकवाद का दौर आता है, तो इसका सीधा नुक्सान हिंदुओं को होगा, क्योंकि जब भी खालिस्तानी सक्रिय होते हैं तो उनका निशाना हिंदू परिवारों पर ही होता है। वहीं आप के नेताओं में आप चर्चा देखने को मिली कि अमृतसर की घटना के बाद हिंदुओं में एक बार फिर से आतंकवार का खौफ है और लॉ एंड आर्डर की स्थिति में जो गिरावट आई है, उससे पंजाब की सत्ताधारी सरकार से हिंदू वोटें आने वाले समय में नाराज हो सकती है, क्योंकि निकाय चुनावों का बिगुल भी बजने वाला है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here