Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 09:04 AM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की संस्था राष्ट्रीय सिख संगत के कार्यक्रम का बहिष्कार करने के कारण आर.एस.एस. के निशाने पर आए भाजपा नेता कुलवंत सिंह बाठ की पत्नी गुरजीत कौर को लेकर नया सवाल खड़ा हो गया है।
नई दिल्ली,(विशेष): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की संस्था राष्ट्रीय सिख संगत के कार्यक्रम का बहिष्कार करने के कारण आर.एस.एस. के निशाने पर आए भाजपा नेता कुलवंत सिंह बाठ की पत्नी गुरजीत कौर को लेकर नया सवाल खड़ा हो गया है। सवाल है कि क्या भाजपा से इस्तीफा देने के बाद कुलवंत सिंह बाठ अपनी बीवी गुरजीत कौर से भी इस्तीफा दिलवाएंगे। बाठ की बीवी दिल्ली भाजपा के टिकट पर भजनपुरा से निगम पार्षद हैं और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति में उपाध्यक्ष भी हैं। गुरजीत कौर कोई पहली बीवी नहीं हैं जिन्हें लेकर सवाल उठ रहा है। पिछले दिनों महरौली के जिला उपाध्यक्ष रणवीर तंवर को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था लेकिन उनकी बीवी अनीता तंवर आज भी पार्टी के टिकट पर निगम पार्षद हैं।
सालभर में चमका सितारा
कुलवंत सिंह बाठ को लेकर प्रदेश भाजपा में चर्चा है कि उन्हें 12 जनवरी, 2017 को कई सालों बाद प्रदेश भाजपा के आफिस में देखा गया था। इससे पहले प्रदेश में इनकी कोई खोज-खबर नहीं थी। प्रदेश में नजर आने के 3 दिन बाद यानी 15 जनवरी को इन्हें प्रदेश की टीम में उपाध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद फरवरी में अकाली कोटे से गुरुद्वारा कमेटी का चुनाव लड़े और सदस्य बने तथा अप्रैल में इनकी बीवी को भाजपा ने निगम के मैदान में उतार दिया। मोदी-योगी लहर में चुनाव जीतने पर उन्हें निगम की स्टैंङ्क्षडग कमेटी में उपाध्यक्ष भी बना दिया गया।
किसने पहुंचाया बुलंदी तक
प्रदेश भाजपा में बाठ को लेकर यह कहा जा रहा है कि महज 4-6 महीने में ही इन्हें वह सब मिल गया जिसके लिए भाजपा का कोई आम कार्यकत्र्ता सालों तक चप्पल घिसता रह जाता है। इनकी सफलता के पीछे प्रदेश संगठन के एक बड़े पदाधिकारी और पूर्वी दिल्ली भाजपा के एक नेता का हाथ माना जा रहा है जिन्होंने बाठ को आगे बढ़ाने के लिए तमाम कायदे-कानूनों को ताक पर रख दिया और अब प्रदेश भाजपा की भी फजीहत करवा रहे हैं।
क्यों नहीं हुआ इस्तीफा स्वीकार सिख राजनीति चमकाने के चक्कर में बाठ ने दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। भाजपा में सवाल उठ रहे हैं कि उन्हें इस पद पर बैठाने वाले अब कहां मुंह छुपाए बैठे हैं। बाठ का इस्तीफा अभी तक स्वीकार क्यों नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि सोमवार को प्रदेश भाजपा की बैठक में बाठ पर फैसला हो सकता है।