सुखपाल खैहरा का कैप्टन को पत्र,डीजीपी को बचाने पर उठाए सवाल

Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Apr, 2018 06:51 AM

khaira letter to cm on police infighting

आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल खैहरा ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने सीएम को गुटका साहिब हाथ में लेकर नशा खत्म करने की कसम को याद दिलाया और उन्हें छोटे लोगों को पकड़ने के साथ-साथ बड़ी मछलियों को भी पकड़ने की अपील...

चंडीगड़:   नशा तस्करों से संबंधों और इसी मामले में आई विभिन्न रिपोर्टों को लेकर पंजाब पुलिस और सरकार में मचे बवाल के बीच नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को खुला पत्र लिखकर उन पर 
गंभीर आरोप लगाए हैं। खैहरा ने कहा है कि चुनाव से पहले कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा 4 सप्ताह में नशा खत्म करने की सौगंध ली गई थी लेकिन कैप्टन सत्ता में आने के बाद सारे काम उक्त सौगंध के विपरीत कर रहे हैं। 
खैहरा ने कहा कि कहां तो मुख्यमंत्री द्वारा नशा तस्करों और नशा तस्करों के साथ संबंध रखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए थी लेकिन एस.टी.एफ. और एस.आई.टी. द्वारा पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में दी गई जांच रिपोर्टों में नाम आने के बावजूद न तो बिक्रम  मजीठिया पर और न ही डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा व दिनकर गुप्ता पर कोई कार्रवाई की गई। उलटा कैप्टन द्वारा सच को सामने लाने वाले अधिकारियों के ही पर कतरे गएहैं। 
खैहरा ने आरोप लगाया कि कैप्टन डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा और डी.जी.पी. इंटैलीजैंस दिनकर गुप्ता को ड्रग तस्करी के मामले में बचाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके खिलाफ पुख्ता जानकारी मौजूद है। 


नशा तस्करी में पुलिस अधिकारियों का नाम आते ही रोक दी गई जांच
पंजाब में ईमानदार अधिकारियों को डराया क्यों जा रहा है। नशा तस्करी रोकने के लिए बनाई एस.टी.एफ. के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू को खुद कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा चुना गया था और एस.टी.एफ. का काम शुरू में अच्छा भी रहा लेकिन जैसे ही पुलिस अधिकारियों का नाम सामने आया तो जांच डिसमिस इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह से आगे ही नहीं बढऩे दी गई। अब उसी एस.टी.एफ. प्रमुख से बॉर्डर का चार्ज छीनकर व पावर खत्म करके डी.जी.पी. के अधीन कर दिया गया है। ऐसा करने का मकसद साफ है कि कैप्टन नशा तस्करों के साथ मिले हुए पुलिस अधिकारियों को बचाना चाहते हैं। ठीक ऐसा ही ‘हथकंडा’ डी.जी.पी. सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के मामले में अपनाया गया है जिन्होंने मौजूदा पुलिस प्रमुख डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा और डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को डिसमिस इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह व एस.एस.पी. राजजीत सिंह हुंदल के मामले में संदेह के घेरे में रखा है। 


बादल व मजीठिया परिवार के खिलाफ कार्रवाई न करने के पीछे कोई गुप्त सौदेबाजी तो नहीं?
उन्होंने कहा कि बादल परिवार ने 10 साल तक पंजाब को लूटा, बादल परिवार और मजीठिया ने लूट कर हजारों करोड़ का कारोबार खड़ा किया, आखिर कैप्टन अमरेंद्र बादल परिवार और मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे। कहीं इसके पीछे दोनों परिवारों के बीच हुई गुप्त सौदेबाजी तो नहीं है। खैहरा ने कहा कि मजीठिया से संबंधित रिपोर्ट का खुलासा खुद कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू ने किया था, मैं कैप्टन साहिब से पूछता हूं कि फिर मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।


चुप नहीं बैठेगी आम आदमी पार्टी 
खैहरा ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस मामले को शिरोमणि अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल की तरह चुपचाप बैठकर नहीं देखेगी बल्कि 13 अप्रैल को तलवंडी साबो में आम आदमी पार्टी द्वारा अपनी अगली रणनीति का ऐलान किया जाएगा ताकि कैप्टन को कार्रवाई के लिए या तो मजबूर किया जा सके या फिर कैप्टन दोबारा तलवंडी साबो पहुंचकर गुटका साहिब हाथ में लेकर अपनी चुनाव से पहले ली सौगंध के लिए माफी मांगें। 

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