Edited By Suraj Thakur,Updated: 26 Feb, 2019 05:02 PM
मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अजहर इंडियन एयरलाइन्स IC-814 हाईजैक में भी शामिल था।
जालंधर, दिल्ली। POK पर भारतीय वायुसेना के हमले में मसूद अजहर के साले मौलाना यूसुफ अजहर और बड़े भाई इब्राहिम अजहर के भी मारे जाने की खबर है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यहां आपको बताने जा रहे हैं कि मसूद का भाई इब्राहिम अजहर IC-814 हाईजैक में भी शामिल था। 1999 में इंडियन एयरलाइन्स के एक प्लेन को नेपाल से हाईजैक कर लिया गया था। आतंकी इसे काठमांडू से अमृतसर और लाहौर के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। वहां 178 पैसेंजर्स की रिहाई के बदले आतंकियों ने मौलाना मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को रिहा किया गया था।
ऐसे दिया था घटना को अंजाम...
24 दिसंबर, 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन्स के आईसी-814 प्लेन को काठमांडू से हाईजैक कर लिया था। बताया जाता है कि इस प्लेन को हाईजैक करने वालों में मसूद का भाई इब्राहिम अजहर भी शामिल था। यह प्लेन एक हफ्ते तक आतंकियों के कब्जे में रहा था। आतंकियों ने प्लेन में फ्यूल भरवाने के लिए सबसे पहले लाहौर में उतारने की कोशिश की थी, लेकिन पाकिस्तान ने फ्यूल भरने से इनकार कर दिया था। इसके बाद प्लेन को अमृतसर में उतारा गया, लेकिन कुछ दिक्कतों के चलते फ्यूल नहीं भरा जा सका था।
मसूद अजहर सहित 20 करोड़ डॉलर की मांगी थी फिरौती...
भारत ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए पाकिस्तान अथॉरिटी को एयरक्राफ्ट की लैंडिग के लिए मंजूरी देने के आग्रह किया था। लाहौर में फ्यूल भरने के बाद प्लेन को दुबई ले जाया गया। 25 दिसंबर 1999 की सुबह प्लेन ने दुबई से अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरी और कंधार में लैंडिग की। हाईजैकर्स ने भारत सरकार से मौलाना मसूद अजहर के अलावा जेल में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 20 करोड़ डॉलर की फिरौती की मांग की।
रिहाई के बाद मसूद ने रखी थी जैश-ए-मोहम्मद की बुनियाद...
बाद में हाईजैकर्स ने फिरौती की मांग छोड़ दी और तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया, जिनमें मौलाना मसूद अजहर प्रमुख रूप से शामिल था। तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पैसेंजरों की जान बचाने के लिए तीनों आतंकियों मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाकर रिहा कर दिया था। 31 दिसंबर को पैसेंजर्स की रिहाई हुई, जिन्हें भारत वापिस लाया गया। इसके बाद ही मसूद अजहर ने 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की बुनियाद रखी थी।