Edited By Updated: 21 Feb, 2017 10:39 AM
9 साल का बकाया हाऊस टैक्स व प्रापर्टी टैक्स न देने के आरोप में बस स्टैंड पर ताला लग सकता है।
लुधियाना(हितेश): 9 साल का बकाया हाऊस टैक्स व प्रापर्टी टैक्स न देने के आरोप में बस स्टैंड पर ताला लग सकता है। इसके तहत एक हफ्ते के भीतर 5.50 करोड़ जमा करवाने की चेतावनी के साथ नगर निगम ने नोटिस जारी कर दिया है।जानकारी के मुताबिक इतने साल का टैक्स जमा न होने से सरकार व बस स्टैंड का रख-रखाव करने वाली कम्पनी के बीच चलती रही कानूनी लड़ाई है। इसके तहत सरकार ने 2008 के दौरान बस स्टैंड के संचालन का काम एक कम्पनी को दिया तो उसके लिए किए एग्रीमैंट में हाऊस टैक्स देने का पहलु साफ नहीं किया जबकि निगम ने टैक्स की डिमांड की तो कम्पनी ने रैगुलेटरी अथारिटी की शरण ले ली।
जहां से कम्पनी को राहत मिल गई तो हाईकोर्ट से सरकार केस जीत गई। इसके खिलाफ कम्पनी ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। जहां से पहले उसे बनते टैक्स का 25 फीसदी निगम को जमा करवाने का आदेश मिला। यह आंकड़ा अब तक करीब 69 लाख पर पहुंच गया है। इसी बीच पिछले साल दिसम्बर के दौरान कम्पनी के हक में फैसला आ गया कि बस स्टैंड की मालिक होने कारण सरकार ही टैक्स देगी। जिसे निगम ने हाऊस टैक्स व प्रापर्टी टैक्स की अब तक बनती करीब 5.50 करोड़ की डिमांड की वसूली के नोटिस भेज दिया है। इसमें यह साफ किया गया है कि एक हफ्ते में पैसा जमा न होने पर बस स्टैंड की सीङ्क्षलग करके अटैचमैंट के बाद प्रापर्टी की नीलामी के जरिए टैक्स का पैसा वसूला जाएगा। इसकी पुष्टि सुपरिंटैंडैंट विवेक वर्मा ने की है।
कमिश्नर की सख्ती के चलते एक हफ्ते में 3 गुना हुई रिकवरी
निगम का सारा स्टाफ पहले विकास कार्य करवाने व चुनावी ड्यूटी पर लगा रहा तो बजट में रखे राजस्व वसूली के टारगेट हासिल करने में काफी पिछड़ गया। अब चुनावों के बाद कमिश्नर ने डिफाल्टरों पर सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं, जिसके लिए हाऊस टैक्स ब्रांच के स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं, ओ. एंड एम. सैल व बी. एंड आर. शाखा के इंजीनियरों की टीमें भी बनाई गई हैं। उनके काम का रिव्यू करने बारे कमिश्नर द्वारा बुलाई बैठक में यह बात सामने आई कि पिछले हफ्ते करीब 50 लाख पर खड़ा रिकवरी का आंकड़ा 1.60 करोड़ पर पहुंच गया है। हालांकि कमिश्नर ने इस पर भी असंतोष जताया है और काम तेज करने के आदेश दिए हैं जिसमें पहले बड़े देनदारों को निशाना बनाने के लिए कहा गया है। इसके तहत पहले चरण में 50 हजार से ऊपर के देनदारों को लिया गया है।
ब्याज-पैनल्टी का डर दिखाकर भेजे 31 हजार एस.एम.एस.
निगम द्वारा उन लोगों को नोटिस भेजकर सीलिंग की चेतावनी दी जा रही है, जिन्होंने 2013-14 के बाद लगातार या किसी साल का प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं करवाया। इसके अलावा वे लोग भी हैं, जो कई सालों तक तो रैगुलर टैक्स देते रहे लेकिन पिछले साल की रिटर्न नहीं दाखिल की। ऐसे लोगों की संख्या करीब 31 हजार बनती है जिनको निगम ने एस.एम.एस. भेजकर टैक्स जमा करवाने की याद दिलाई है। इसके मुताबिक 31 दिसम्बर तक पूरा टैक्स दिया जा सकता था। अब 31 मार्च तक 10 फीसदी पैनल्टी लगेगी जबकि उसके बाद पैनल्टी बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगी और साथ में ब्याज भी लगेगा।