Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Sep, 2017 11:17 AM
तहसील दफ्तर जालंधर-1 में ड्यूटी के दौरान डैथ एंड बर्थ सर्टीफिकेट की लेट एंट्री के बदले 1 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने वाले
जालंधर(अमित): तहसील दफ्तर जालंधर-1 में ड्यूटी के दौरान डैथ एंड बर्थ सर्टीफिकेट की लेट एंट्री के बदले 1 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने वाले जूनियर सहायक अमित आनंद को डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने गुरुवार को नौकरी से डिसमिस करने के आदेश जारी कर दिए। सस्पैंशन पर चल रहे जूनियर सहायक को 25-05-2017 से डिसमिस करने संंबंधी आदेश जारी किया गया है, क्योंकि माननीय अदालत द्वारा उसे इसी दिन रिश्वत लेने के आरोप साबित होने पर सजा सुनाई गई थी।
जानकारी के अनुसार जूनियर सहायक अमित आनंद साल 2015 को डी.ए.सी. के कमरा नं. 8 में तहसील दफ्तर जालंधर-1 में बतौर क्लर्क तैनात था और उसका तबादला नकोदर में हो चुका था, मगर उसने अपना चार्ज छोड़ा नहीं था। इसी दौरान जगजीवन राम नामक व्यक्ति ने जूनियर सहायक से अपने बच्चों के जन्म एवं मृत्यु के लेट इंदराज दर्ज करने के लिए संपर्क किया, जिसके बाद क्लर्क अमित आनंद ने उससे बच्चों का जन्म करवाने वाली दाई को लेकर आने के लिए कहा था। मगर दाई को न लेकर आने पर उसका काम लटक गया था, जिसके बाद शिकायतकत्र्ता ने अपने काम के लिए एक हजार रुपए की रिश्वत देने की बात कही और अमित आनंद पर काम के बदले पैसे मांगने के आरोप लगाते हुए उसे विजीलैंस विभाग की मदद से ट्रैप लगाकर रंगे हाथों पकड़वा दिया था। पैसों के साथ पकड़े गए अमित आनंद के खिलाफ थाना विजीलैंस ब्यूरो जालंधर में 20-07-2015 को धारा 7, 13 (2) के अधीन एफ.आई.आर. नं. 10 दर्ज की गई थी।
20-07-2015 को ही उसे तत्कालीन डी.सी. कमल किशोर यादव द्वारा सरकारी सेवाओं से सस्पैंड कर दिया गया था। मगर बाद में 21-09-2015 को उसकी पुन: बहाली हो गई थी। इसके पश्चात अदालत में चले केस में माननीय अदालत द्वारा 25-05-2017 को उसे आरोप साबित होने पर सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उसके द्वारा माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। सजा सुनाए जाने के दौरान अमित आनंद नकोदर में बतौर इलैक्शन क्लर्क तैनात था।