39 मृतक भारतीयों के परिवारों को एक-एक करोड़ की मदद दे केन्द्र सरकार: बाजवा

Edited By Vatika,Updated: 02 Apr, 2018 09:38 AM

indians killed in iraq

राज्यसभा मैम्बर प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ईराक में मारे गए 39 भारतीयों के परिवारों के लिए एक-एक करोड़ रुपए की वित्तीय मदद व परिवार के एक-एक मैम्बर को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार को पंजाब...

जालंधर(नरेश अरोड़ा): राज्यसभा मैम्बर प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ईराक में मारे गए 39 भारतीयों के परिवारों के लिए एक-एक करोड़ रुपए की वित्तीय मदद व परिवार के एक-एक मैम्बर को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार को पंजाब के 27 मृतकों के परिवारों को 20-20 हजार रुपए महीना वित्तीय मदद के अलावा और मदद देने की मांग की है। पंजाब सरकार पहले ही इन परिवारों को 20-20 हजार रुपए वित्तीय मदद दे रही है। बाजवा ने कहा कि 39 भारतीयों की ईराक में हुई मौत के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देश को गुमराह किया है, लिहाजा वह इस मामले में अम्बिका सोनी व शमशेर सिंह दूलो के साथ मिलकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ प्रिविलैंस मोशन लेकर आ रहे हैं। बाजवा ने कहा कि 39 भारतीयों की मौत के एकमात्र चश्मदीद गवाह हरजीत मसीह की बात न मानकर विदेश मंत्रालय ने पूरे मामले को असंवेदनशील तरीके से हैंडल किया है।

महाराज दलीप सिंह के अवशेष भी लाए जाएं भारत
प्रताप सिंह बाजवा ने महाराजा रणजीत सिंह के पुत्र महाराजा दलीप सिंह के अवशेष इंगलैंड से वापस लाकर उनका सिखी रस्मों-रिवाजों से संस्कार करने व पंजाब में उनकी यादगार स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बात की है। बाजवा ने कहा कि इससे पहले शहीद ऊधम सिंह की अस्थियां भी 1980 में पंजाब सरकार के प्रयत्नों के साथ ही भारत लाई गई थीं। लिहाजा महाराजा दलीप सिंह के अवशेष लाने के लिए सरकारी पहल होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि महाराजा रणजीत सिंह ने 1799 से लेकर 1839 तक सांझे पंजाब का राज किया और देश में अंग्रेजों का कब्जा होने के समय उनके पुत्र दलीप सिंह को 11-12 साल की उम्र में पहले अपनी मां महारानी जिंदा के पास यू.पी. में रखा गया और बाद में उनको एल्बीडन हाल (यू.के.) में भेज दिया गया। वहां उनकी शादी एक ब्रिटिश लड़की के साथ हुई और महाराजा दलीप सिंह की 1893 में मौत हो गई। मौत के पश्चात दलीप सिंह को ईसाई रस्मों के मुताबिक दफना दिया गया। उनकी कब्र में से उनके अवशेष आज भी मिल सकते हैं।

कैप्टन करें प्रधानमंत्री से विशेष आर्थिक पैकेज हेतु बैठक
बाजवा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को सलाह दी कि वह राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज दिलवाने के लिए रा’य के सारे लोकसभा मैम्बरों के साथ सर्व पार्टी मीटिंग करें और सारे संसदीय सदस्यों को साथ लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करें। बाजवा ने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोकसभा सदस्य अपने-अपने राज्यों को विशेष रा’य का दर्जा दिलवाने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और पंजाब के मुख्यमंत्री को भी इस मामले में पहल करनी चाहिए। बाजवा ने कहा कि पंजाब के सीमावर्ती इलाकों गुरदासपुर, तरनतारन, बटाला, फिरोजपुर व अमृतसर में विकास के लिए आर्थिक पैकेज की जरूरत है और केन्द्र सरकार का यह फर्ज बनता है कि वह हर संकट में आगे आकर देश की मदद करने वाले पंजाब की वित्तीय मदद करे। बाजवा ने कहा कि पंजाबियों ने 1965 और 1971 की जंग के दौरान आगे होकर लड़ाइयां लड़ी हैं। देश की आजादी के दौरान हुई कुर्बानियों में 80 प्रतिशत योगदान पंजाबियों का है। पंजाब के किसान कई दशकों से देश का पेट भरने के लिए अपने प्राकृतिक स्रोतों का इस्तेमाल कर रहे हैं।


बच्चियों के दुष्कर्मियों को मिले फांसी
प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब में 12 वर्ष से छोटी आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने के आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाने के लिए विधानसभा में बिल लेकर आने की मांग की। बाजवा ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा की सरकार ने आई.पी.सी. की धारा 376 में संशोधन कर 12 वर्ष से छोटी बच्चियों के साथ जबरदस्ती करने वालों आरोपियों को फांसी देने का प्रबंध किया है और पंजाब में भी ऐसा ही कानून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाबियों की पहचान बहू-बेटियों की आबरू की रक्षा करने वालों के तौर पर होती आ रही है, पर अब पंजाब में जैसी घटनाएं हो रही हैं उनकी रोकथाम करना बेहद जरूरी है।


 

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