Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jul, 2017 11:07 AM
भारत का राष्ट्रीय झंडा ‘तिरंगा’ व राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ सवा सौ करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान के प्रतीक हैं। भारतीय फौज के अनेक शहीद इनकी रक्षा करते हुए अपनी जान की आहुति दे गए।
कोटकपूरा(डा.भावित): भारत का राष्ट्रीय झंडा ‘तिरंगा’ व राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ सवा सौ करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान के प्रतीक हैं। भारतीय फौज के अनेक शहीद इनकी रक्षा करते हुए अपनी जान की आहुति दे गए। राष्ट्रगान को विभिन्न अवसरों पर गाया जाता है। इसे गाने की सही रूप रेखा के बारे में समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। भारतीयों के मार्गदर्शन के लिए बाकायदा ‘‘प्रिवैंशन ऑफ इंसल्ट्स टू दी नैशनल आनर एक्ट’’ भी बना हुआ है।
भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रगान के दौरान वहां मौजूद प्रत्येक व्यक्ति को सावधान मुद्रा में खड़े रहने के कड़े निर्देश हैं। भारत की आजादी के 70 साल बाद मोदी सरकार ने रात 12 बजे जी.एस.टी. 2017 लागू किया। इस अवसर पर संसद भवन के सैंट्रल हाल में भारत सरकार ने एक विशेष समारोह का आयोजन किया। इसलिए मंत्रिमंडल, गण्यमान्यों, फि ल्मी हस्तियों के अतिरिक्त भारत के राष्ट्रपति विशेष रूप से उपस्थित हुए। यह भारत की रीत है कि जब राष्ट्रपति किसी समारोह में उपस्थित होते हैं तो उनके आने व जाने के समय राष्ट्रगान गाया जाता है।
इसी तरह ही जब जी.एस.टी. 2017 लागू करने के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पहुंचे तो राष्ट्रगान गाया गया। सभी उपस्थित सावधान मुद्रा में उठ खड़े हुए, जोकि आचार संहिता का एक जरूरी हिस्सा है परन्तु ठीक इसी वक्त नितिन गडकरी को सरेआम आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए हाथ जोड़ कर खड़े देखा गया। दुखदायी बात यह है कि यह सब कुछ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की उपस्थिति में हुआ।