Edited By Updated: 07 Mar, 2017 12:11 AM
भाजपा पंजाब में 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से 15 सीटों पर भाजपा को....
जालंधर: भाजपा पंजाब में 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से 15 सीटों पर भाजपा को भीतरघात का अंदेशा है। हालांकि चुनाव परिणाम आने से पहले भाजपा हार की समीक्षा कर चुकी है। बीते दिनों जो चंडीगढ़ में बैठक हुई थी उसमें ज्यादा नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया था।
भाजपा के एक बड़े नेता का कहना है कि चुनावों के समय भीतरघात के खतरे के बारे में कई बार राज्य भाजपा के नेताओं के सूचित किया गया लेकिन तब किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। सब यही कहते रहे कि विपक्ष विभाजित है, जीत हमारी होगी। लेकिन मतदान के बाद जो फीडबैक प्रत्याशियों को मिली है उससे यह तय हो गया है कि कई सीटों पर भाजपा के अपने लोगों ने दूसरे दलों के प्रत्याशियों की मदद की है।
इनमें जालंधर की 2 सीटें, अमृतसर की 2, कपूरथला की 1, लुधियाना की 2, पटियाला की 1, रोपड़ की 1, फिरोजपुर की 1, अबोहर-फाजिल्का की 1, पठानकोट की 3 व होशियारपुर की 2 सीटें शामिल हैं। इसके अलावा कई सीटों पर इस बार अकाली दल से भी पहले जैसी मदद नहीं मिली। मतदान के दिन भाजपा के वोटरों को बूथ तक लेकर जाने की कोशिश भी नहीं की गई।
भाजपा का एक बड़ा गुट यह आरोप लगा रहा है कि जानबूझ कर कुछ सीटों पर ध्यान नहीं दिया गया। इन गुट के नेताओं ने भाजपा हाईकमान को इस बारे में सूचित कर दिया है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि 11 मार्च के बाद भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू होगा। इस बात की प्रबल संभावना है कि कुछ बड़े नेता, जो अब तक खामोश बैठे हैं, खुलकर मैदान में उतरें।