पति के मौत की खबर सुन जिंदा लाश बनी पत्नी

Edited By Vatika,Updated: 24 May, 2018 09:18 AM

husband died

मेरे पति दी जान लैण वाले डाइवर दा कख नहीं रहणा। उसने कदे वी किसे दा कुझ नहीं सी बिगाडिय़ा, फिर स्कूल बस दा ड्राइवर उसदा क्यों दुश्मन बन गया।’ यह बात मंगलवार को पी.ए.पी. के गेट नम्बर-4 के बाहर सड़क हादसे का शिकार हुए ए.एस.आई

जालंधर(महेश): ‘मेरे पति दी जान लैण वाले डाइवर दा कख नहीं रहणा। उसने कदे वी किसे दा कुझ नहीं सी बिगाडिय़ा, फिर स्कूल बस दा ड्राइवर उसदा क्यों दुश्मन बन गया।’ यह बात मंगलवार को पी.ए.पी. के गेट नम्बर-4 के बाहर सड़क हादसे का शिकार हुए ए.एस.आई. अश्विनी दत्ता की पत्नी अंजू दत्ता ने उस समय कही जब मृतक पति की लाश पोस्टमार्टम के बाद उनके पी.ए.पी. स्थित सरकारी क्वार्टर में पहुंची। अंजू दत्ता पति की मौत को लेकर हादसे के दिन ही बेसुध हो गई थी और अभी तक भी खुद को संभाल नहीं पा रही है। उसके दोनों बेटे आंशुक दत्ता व प्रिसंक दत्ता भी हालांकि पिता की मौत से काफी गमगीन हैं। बड़ा बेटा आंशुक चंडीगढ़ में उच्च स्तरीय पढ़ाई कर रहा है जबकि छोटा बेटा प्रिसंक दत्ता होटल मैनेजमैंट का कोर्स कर रहा है। दोनों बेटे मां को संभालने में लगे हुए हैं।

ज्वाला जी स्थित पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार 
बतौर कम्प्यूटर आप्रेटर साल 1992 में भर्ती हुए मृतक ए.एस.आई. अश्विनी दत्ता के साले पी.ए.पी. की 75 बटालियन में तैनात हैड-कांस्टेबल संजीव कुमार ने बताया कि वह वीरवार को सुबह जीजा का शव लेकर उनके पैतृक गांव चुगाठ नजदीक ज्वाला जी, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) के लिए निकल रहे हैं। वहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृतक की मां वीना देवी व 2 भाई भी गांव चुगाठ में ही रहते हैं। दत्ता पी.ए.पी. के मुलाजिमों के बच्चों को कम्प्यूटर एजुकेशन देते थे।

साले व साथी बोले, पुलिस की लापरवाही से गई अश्विनी की जान
मृतक अश्विनी दत्ता के साले संजीव कुमार व उनके सरकारी क्वार्टर में संवेदना जताने पहुंचे उसके साथियों ने कहा कि अश्विनी की अचानक हुई मौत के लिए पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि अगर पुलिस ने सड़कों पर बसें लेकर निकलते अनट्रेंड बस चालकों पर शिकंजा कसा होता तो आज उन्हें यह दिन न देखना पड़ता।

पुलिस कमिश्नर के आदेशों की किसी को नहीं परवाह 
18 मई को जालंधर के पुलिस कमिश्नर पी.के. सिन्हा ने आदेश जारी किए थे कि अगर कोई भी अंडरएज बच्चा किसी भी तरह का वाहन रोड पर चलाता मिलता है तो उसके लिए उसके माता-पिता जिम्मेदार होंगे और बच्चों के साथ-साथ मां-बाप पर भी कड़ी कार्रवाई होगी लेकिन इन आदेशों की कोई परवाह नहीं मानता। इसका उदाहरण बुधवार को पी.ए.पी. चौक में उस समय देखने को मिला जब एक अंडरएज स्कूली ब"ाा अपनी एक्टिवा पर रांग साइड से निकलता हुआ देखा गया। उसकी एक तरफ लुधियाना को जाने वाली बस खड़ी थी और दूसरी तरफ से अन्य वाहन जा रहे थे। उक्त बच्चा किसी हादसे का भी शिकार हो सकता था।   

स्कूल मैनेजमैंट्स ने रखे हैं अनट्रेंड ड्राइवर 
बहुत से स्कूलों ने अनट्रेंड ड्राइवर ही रखे हुए हैं जो कि सड़कों पर जब बसें लेकर उतरते हैं तो कानून का पालन करने की बजाय मनमर्जी ज्यादा करते हैं। थानेदार अश्विनी दत्ता की मौत का कारण बनी पुलिस डी.ए.वी. स्कूल की बस से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि ड्राइवर कानून का कितना पालन कर रहे हैं।

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