कर्फ्यू खुलने के बावजूद गांवों को जाने वाली रोडवेज व निजी बस सुविधा नहीं हो रही शुरू

Edited By Mohit,Updated: 31 May, 2020 09:32 PM

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पंजाब सरकार की तरफ से रोडवेज बसों को चलाने की योजना जहां यात्रियों को भारी पड़...........

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): पंजाब सरकार की तरफ से रोडवेज बसों को चलाने की योजना जहां यात्रियों को भारी पड़ रही है वहीं शहर के अंदर ऑटो चालकों को फिजीकल डिस्टैंस का पालन करने के बीच सवारी नहीं मिलने से इन दिनों घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। रोडवेज की बसें अभी तक सिर्फ 5 रूट होशियारपुर से जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़, वाया टांडा बटाला व वाया मुकेरियां तलवाड़ा तक चल तो रही है लेकिन बसों को सवारी नहीं मिल रही है। इसकी असली वजह यह भी है कि ये सभी बसें बीच के स्टेशन पर नहीं ठहरती है। यात्रियों की कमी की वजह से ही अभी तक बस स्टैंड से एक भी निजी बसें नहीं चल रही है। दरअसल, 20 मार्च के बाद से ही गांवों की तरफ जाने वाली बस सेवा बंद पड़ी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित लोगों को शहर पहुंचने के लिए सडक़ों पर खड़े होकर निजी वाहन चालकों से लिफ्ट लेते हुए आम देखा जा सकता है।

गांवों से शहर आने वाले लोगों को हो रही है परेशानी
पंजाब सरकार की तरफ से शहरी इलाकों में मुख्य रूट पर तो बस सर्विस चालू कर दी गई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र इससे वंचित हैं। बस सेवा शुरू न हो पाने से उन उम्रदराज एवं आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिनके पास निजी वाहन नहीं है। होशियारपुर के ग्रामीण क्षेत्र से कई लोग अपने रोजगार के लिए शहर तक आते हैं। उनकी आवाजाही का मुख्य साधन बस सेवा ही है। 

रेल सेवा भी नहीं चलने से लोग परेशान
कर्फ्यू खत्म होने के बाद निजी संस्थानों व औद्योगिक इकाइयों ने काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन बस सेवा के साथ ही रेल सेवा शुरू नहीं होने के कारण ग्रामीण मुलाजिमों का काम पर पहुंच पाना चुनौती बना हुआ है। जिले के कुछ गांव मुकेरियां-जालंधर और जालंधर-होशियारपुर रेल रूट पर पड़ते हैं। लोकल ट्रेन सेवा शुरू नहीं होने के कारण इन इलाकों के लोगों की उम्मीद भी अब बस सेवा पर ही टिकी हुई है।

ऑटो में सिर्फ 2 सवारी बिठाने की शर्त पड़ रही है भारी 
पंजाब सरकार ने लॉकडाउन में ढील देते हुए लोगों की सहूलियत के लिए ट्रांसपोर्ट चलाने की मंजूरी तो दे दी, लेकिन इससे ऑटो चालकों की परेशानी दूर नहीं हुई। इसका कारण फिजिकल डिस्टेंसिंग है, क्योंकि इस नियम को अपनाने से वह ऑटो में सिर्फ 2 ही सवारी बिठा सकते हैं। एक तो कोरोना का खौफ और दूसरा बढ़ाए किराए के चलते सवारी भी ऑटो में कहीं जाने से परहेज कर रही है। नतीजन जो ऑटो चालक पहले रोजाना 1000 रुपए आमदनी करता था, अब सिर्फ 200 रुपए ही कमा पा रहा है। 

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समझ में नहीं आ रहा कि कैसे अपना और परिवार का करें गुजारा
होशियारपुर में ऑटो चालकों राजेश कुमार, राकेश कुमार, मनीष पाल, सन्नी, विपिन कुमार, संदीप, गुरमेल सिंह ने बताया कि फिजिकल डिस्टेंसिग के नियम के कारण सिर्फ 2 ही सवारी बिठा सकते हैं। इसके कारण 20 के बजाय 40 रुपए किराया करना पड़ा। आलम यह है कि जब सवारी बढ़ा हुआ किराया सुनती है तो वह बैठने से इंकार कर देती है। ऐसे में दिनभर 200 तो कभी 300 रुपए की कमाई निकल पा रही है। इतने में ऑटो की किश्त और घर का खर्च पूरा नहीं हो रहा। इस वजह से ऑटो चालक काफी परेशान हैं। समझ में नहीं आ रहा कि कैसे अपना और परिवार का गुजारा करे।

सरकार की अनुमति के बिना बसें चलाना संभव नहीं: अनिल कुमार 
पंजाब रोडवेज होशियारपुर डिपो के जनरल मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए ही ग्रामीण क्षेत्र की बस सेवा बंद की गई थी, जिसे अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है। अभी जिन 5 रू टों पर बसें चल रही है उसमें भी सवारी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में जब सरकार ग्रामीण क्षेत्र की बस सेवा शुरू करने की अनुमति दे देगी, तत्काल बस सेवा शुरू कर दी जाएगी। सरकार की अनुमति के बिना बसें चलाना संभव नहीं है।

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